एईआरबी का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत में आयनीकारक विकिरण तथा नाभिकीय ऊर्जा के कारण लोगों के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को किसी भी प्रकार का अवांछित जोखिम न हो ।

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सार्वजनिक जागरूकता

शांतिपूर्ण व लाभकारी उपयोगों के लिये परमाणु ऊर्जा व विकिरण के संरक्षित उपयोग के बारे में जनता का दृष्टिकोण बदलने के लिये उन्‍हें सही जानकारी देना आवश्‍यक है। परमाणु ऊर्जा विभाग, प्रकाशन एवं इलेक्‍ट्रानिक माध्‍यमों के लिये ऐसा कार्यक्रम चला रहा है। परंतु देश में नाभिकीय एवं विकिरण सुविधाओं के संरक्षित उपयोग में एईआरबी की भूमिका के बारे में जनता को जानकारी देने के लिये सार्वजनिक जागरूकता कार्यक्रम चलाने तथा अन्‍य संस्‍थाओं के ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेने का निर्णय लिया गया है। साथ ही एईआरबी की वेबसाइट पर जनता के लिये यह जानकारी उपलब्‍ध कराने का भी निर्णय लिया गया है कि जनता व पर्यावरण को बिना कोई हानि पहुंचाने, परमाणु ऊर्जा एवं विकिरण का सुरक्षित प्रयोग कैसे सुनिश्चित किया जाता है।

विकिरण के संरक्षित उपयोगका अर्थ समझने के लिये पहले यह जानना आवश्‍यक है कि विकिरण क्‍या है ?

विकिरण क्‍या है ?

विकिरण गतिशील ऊर्जा है। विकिरण का सरलतम तथा सुपरिचित उदाहरण है – सूर्य अथवा किसी जलते हुए पदार्थ से निकलता प्रकाश। हम सभी यह बात जानते हैं कि जब इस प्रकाश की तीव्रता अधिक (जैसे गर्मी के मौसम में) होती है तो यह हानिकारक हो सकता है। यदि यह एक सीमा से कम हो तो यह संतोषप्रद व अहानिकर होता है। सर्दी के मौसम में जब सूर्य के प्रकाश (विकिरण) की तीव्रता कम होती है तो हम स्‍वयं को गर्म रखने के लिये आग का प्रयोग करते हैं। अत: विकिरण एक औषधि के समान है जो ठीक मात्रा में लेने पर लाभ की तुलना में कम हानिकारक होती है परंतु अत्‍यधिक मात्रा में लेने पर मृत्‍यु का कारण भी बन सकती है।

विकिरण आयन उत्‍पन्‍न करने वाला या आयन न उत्‍पन्‍न करने वाला हो सकता है। आयनन उत्‍पन्‍न करने वाला विकिरण वह है जिसमें परमाणु से इलेक्‍ट्रान को अलग करने (आयनीकरण) के लिये पर्याप्‍त ऊर्जा नहीं होती (जैसे रेडियोतरंगे, सूक्ष्‍म तरंगे (microwaves), अवरक्‍त विकिरण, दृष्‍य प्रकाश, लेज़र, पराबैंगनी प्रकाश, रैडार आदि) जबकी आयनकारी विकिरण में परमाणु से इलेक्‍ट्रान को अलग करने के लिये (आयनीकरण) पर्याप्‍त ऊर्जा होती है (जैसे अल्‍फा कण, बीटा कण, न्‍यूट्रान, गामा किरणें, एक्‍स-रे किरणों आदि)। विद्युत चुंबकीय विकिरण के लक्षण व प्रकार नीचे के चित्र में दिये गये हैं।

Radiation

पृष्‍ठभूमिक विकिरण क्‍या है तथा विकिरण के अनुप्रयोग से व्‍यक्ति को कितना विकिरण मिल सकता है ?
संरक्षा सुनिश्चित करने में एईआरबी की भूमिका ?
एईआरबी के अधिकार क्षेत्र में क्‍या आता है ?
नाभिकीय संरक्षा एवं विकिरण संरक्षा के बारे में जानकारी को जनता तक कैसे प्रेषित किया जाता है ?

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लेख/वार्ता का विषय

लेखक

रेडियोलाजिकल चि‍कित्‍सा प्रक्रियाओं के दौरान विकिरण संरक्षण की चुनौतियां

डा. अविनाश यू. सोनावणे, एईआरबी

विकिरण स्रोत

अनुराधा वी., एईआरबी

परमाणु ऊर्जा के प्रति जनता का दृष्टिकोण : भ्रांतियां एवं वास्‍तविकता

एस.के. मल्‍होत्रा, परमाणु ऊर्जा विभाग

विजिटर काउण्ट: 4860479

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