नैदानिक रेडियोलाजी
एईआरबी ने बिना वैधानिक लायसेंस प्राप्त किये नैदानिक एक्स-रे उपकरणों के अनधिकृत निर्माण, आपूर्ति तथा प्रयोग को गंभीरता से लिया है तथा ‘चेतावनी’ जारी की है कि ऐसी सुविधाओं को बिना किसी अन्य नोटिस के तुरंत बंद कर दिया जायेगा।
जनता को भी निवेदन किया जाता है कि अपनी सुरक्षा के लिये वे केवल लायसेंसीकृत सुविधाओं का ही प्रयोग करें। सभी विकिरण सुविधाओं के लिये एईआरबी के लायसेंस की प्रति अपनी सुविधा में प्रमुख स्थान पर लगाना आवश्यक है।
देशभर में एक्स-रे सुविधाओं की विशाल संख्या को देखते हुए एईआरबी ने प्रदेशों के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभागों के अंतर्गत विकिरण संरक्षा निदेशालय बनाने के लिये कदम उठाये हैं। ये निदेशालय प्रदेश की एक्स-रे सुविधाओं का नियामक निरीक्षण करेंगे तथा एईआरबी से लायसेंस प्राप्त करने में उनकी सहायता करेंगे। ऐसा पहला निदेशालय केरल में 1999 में स्थापित किया गया। आज केरल के अतिरिक्त मिज़ोरम, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, अरूणाचल प्रदेश तथा पंजाब में ये निदेशालय कार्यरत हैं।
देश में नियमन के प्रभावी लागूकरण के लिये नियामक गतिविधियों के विकेंद्रीकरण के अतिरिक्त एईआरबी ने चेन्नई, कोलकाता तथा दिल्ली में क्रमश: दक्षिणी, पूर्वी व उत्तरी क्षेत्रों के लिये क्षेत्रीय नियामक केन्द्र स्थापित किये हैं।
नैदानिक रेडियोलाजी सुविधायें
- नयी रेडियोलाजी सुविधा के लिये नियामक आवश्यकतायें व दिशानिर्देश
- चिकित्सीय एक्स-रे संस्थान में कार्मिकों की अर्हता आवश्यकतायें
- e-LORA नैदानिक रेडियोलाजी, दिशानिर्देश
- नैदानिक एक्स-रे उपकरणों के प्रयोग में विकिरण संरक्षा सुनिश्चित करने के लिये व्यवहारिक सुझाव
- लायसेंसीकृत एक्स-रे सुविधाओं की सूची
दिशानिर्देश एवं अन्य नियामक दस्तावेज़
निर्माता/आपूर्तिकर्ता/सर्विस एजेंसी
- आपूर्तिकर्ताओं व सर्विस इंजीनियरों के लिये जानकारी
- एक्स-रे उपकरणों के निर्माताओं के लिये नियामक आवश्यकतायें व दिशानिर्देश
- एक्स-रे उपकरणों के आपूर्तिकर्ताओं के लिये नियामक आवश्यकतायें व दिशानिर्देश
- लायसेंसीकृत निर्माताओं की सूची
- प्राधिकृत आपूर्तिकर्ताओं की सूची
- प्राधिकृत सर्विस एजेंसियों की सूची
- टाईप अनुमोदन एक्स-रे उपकरणों की सूची