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तापमाि, ई ं िि तापमाि तथा ररनति में पररवतजाि के प्रभाव का अध्ययि भी अवनि (10 सेक ं ड से कम) तथा शनति (110% पूणजा शनति) के कारण नट्रप
नकया गया है। पुिभजारण के चक्र-26 के निए गुणिांक, बिजा-अप नवतरण, संके त प्राप्त होिे का समय ररएक्टर शनति व क्रोड अनभनक्रयता – समय
शनति नशखरण गुणांक तथा शनति नवतरण आनद क्रोड गणिायें की गयी हैं। तथा 3-D शनति नवतरण आनद की गणिा की गयी। टीआरआईवीएसी के
ररनति नवतरण, न्यूितम क्रांनतक ऊष्मा फिक्स अिुपात (एमसीएचएफआर) पररणाम प्रत्यानशत प्रवृनति के अिुरूप थे।
तथा नियंत्रण छड इन्वेंट्री का आकिि भी नकया गया है।
7.7.5 ओईसीडी-एिईए टीएिएआई-3 पररयोरिा एवं टीएिएआई
7.7.3 वीवीईआर-1000 ररएकटर में अनभनक्रयता प्रेररत हाइड्ोरि उद्दहि परीक्ण का नवश्ेषण
क्नणकाओं का नवश्ेषण
अंतराजाष्ट्रीय सहयोगात्मक ओईसीडी-एिईए-सीएसएिआई
भारतीय-रूसी कायजादि के नद्पक्ी बेंचमाकजा के एक अंग के रूप में, टीएचएआई-3 पररयोरिा के एक अंग के रूप में टीएचएआई सुनविा
वीवीईआर-1000 MWe ररएक्टर में नियंत्रण संरक्ण एवं तंत्र अवशोषक में नकये गये बहुत से हाइड्ोरि उद्हि प्रयोगों के डाटाबेस का नवश्ेषण,
छडों (सीपीएसएआर) को बाहर निकाििे के कारण अनभनक्रया प्रेररत एक सैदांनतक ढांचे के अंतगजात नकया गया। प्रयोगों में पाये गये अनिकतम
क्नणका नवश्ेषण करिे के निए टीआरआईके आईएि कोड का प्रयोग दाब तथा तापमाि की तुििा सैदांनतक एनडयाबेनटक आइसोकोररक
नकया गया। तप्त शून्य शनति तथा अन्य शनति प्रचािि नस्थनतयों (पूणजा शनति क ं पिीट क ं बचिि (एआईसीसी) अिुमािों से की गयी। उदाहरण के तौर पर
के 25%, 50% एवं 100%) में उपयुजाति क्नणकाओं का अिुकरण करके , नचत्र 7.22 में नवनभन्ि प्रारंनभक एवं वाष्प मोि अंशों के निए पररकनित
अनभनक्रयता पररवतजाि के प्रनत क्रोड गनतक प्राचिों की अिुनक्रया का दाब अिुपात (ज्वनित गैस दाब/ प्रारंनभक दाब) नदखाया गया है।
अध्ययि नकया गया नरससे इस प्रकार की क्नणकाओं को समाप्त करिे की प्रायोनगक पररणाम सैदांनतक पूवाजािुमािों के अिुरूप थे एवं उिसे ऊष्मा
नडजाइि क्मता का प्रदशजाि नकया रा सके । हानि, उद्हि की पूणजाता आनद महत्वपूणजा प्राचिों के प्रभाव की रािकारी
7.7.4 युन्मत नयूटानिकस-तापीय द्व िालि कोड तंत्र पर नमिी। गनतक उद्हि वयवहार का नवश्ेषण, पररकनित स्तरीय दहि वेग
बेंिमाकजा का नवश्ेषण तथा प्रयोगों से प्राप्त ज्वािा की गनत के आिार पर नकया गया। ज्वािा
के संचरण पर संचरण की नदशा, प्रारंनभक तापमाि तथा असमािता के
युनग्मत न्यूट्रानिक्स एवं तंत्र तापीय द्रव चािि के एक अंतरा-डीएई प्रभाव का अध्ययि नकया गया। इस नवश्ेषण से हाइड्ोरि-वायु-वाष्प
बेंचमाकजा अभयास के निए 540 MWe पीएचडब्लयूआर में शीतिक नमश्ण में िीमे उद्हि के स्थैनतक व गनतक प्रभावों के आकिि तथा
हानि दुघजाटिा को नवनभन्ि कोडों की तुििा के निए चुिा गया। पहिे उसके माडिि के निए उपयोगी पररणाम प्राप्त हुए हैं।
चरण में एईआरबी के आंतररक कोड आरईडीएसी के उपयोग से के वि
क्रोड न्यूट्रानिक्स (स्थैनतक) गणिायें की
गयी। नवनभन्ि नवन्यासों में अनभनक्रयता युनति
क्मता तथा ई ं िि व शीतिक नस्थनतयों में
पररवतजाि के अनभनक्रयता गुणांकों की गणिा
की गयी। ये अिुमाि अन्य कोडों के साथ
अच्छी सहमनत दशाजाते हैं।
अभयास के क्नणका चरण का
नवश्ेषण, डीआरएरीओएि कोड तंत्र के
टीआरआईवीएसी माड्यूि की पूवाजािुमाि
क्मता का आकिि करिे के निए नकया
गया। इस समस्या में क्रोड के आिे नहस्से में
शीतिक घित्व में पररवतजाि के कारण होिे
वािे स्थानिक नवक्ोभ से शनति में वृनद भी
शानमि है रो ररएक्टर एससीआरएएम (स्क्रै म)
से रोकी रायेगी। स्क्रै म क्मता-समय वक्र, नचत्र 7.22 : नवनभन्ि प्रारंनभक नमश्ण संघटिरों के नलए पररकनलत (एआईसीसी) दाब अिुपात
वार्षिक प्ररिवेदन 2019 91