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7.6.9  ररएकटर  संरोधक  में  आयोडीि  के   वयवहार  का
                  प्रायोनगक अध्ययि


               शी‍तिक  हानि  दुघजाटिा  के   कारण  होिे  वािी  कम  संभानव‍त
           पररकनलप‍त भीषण दुघजाटिा नस्थन‍त में पयाजावरण से रेनडयोसनक्रय‍ता के
           नवमोचि को न्यूि‍तम रखिे के  निए नवखंडि उत्पादों के  वयवहार का
           अध्ययि आवशयक है। पयाजावरण को नवमोनच‍त संभानव‍त स्ो‍त मात्रा
           में आयोडीि का बडा योगदाि है। संरक्ा गुंराइश का नििाजारण करिे

           के  निए संरोिक ‍तथा पयाजावरण में आयोडीि के  वयवहार को समझिा
           आवशयक है। संरोिक में आयोडीि के  वयवहार के  अध्ययि के  निए
           एसआरआई, किपक्कम की रसायनिकी प्रयोगशािा में छोटे पैमािे का
           प्रयोग नडजाइि नकया गया। इस प्रायोनगक सुनविा में आयोडीि व पेंट
           की अं‍तनक्रजा या ‍तथा नवनभन्ि अनिशोषकों द्ारा आयोडीि अनिशोषण   नचत्र 7.21 : जलीय धाराओं से िाइ‍टे‍ट ह‍टािे की प्रनरिया पर pH का प्रभाव
           का अध्ययि नकया रा रहा है। प्रायोनगक सुनविा स्थानप‍त करके  प्राचिों
           का  इटि‍तमीकरण  नकया  गया  है।  आयोडीि  वाष्‍प,  पुि:ऊध्वजापान‍त‍त  7.7 ररएकटर भौनतकी अध्ययि
           आयोडीि के  प्रयोग से उत्पन्ि की गयी ‍तथा इस वाष्‍प को, आगजाि   7.7.1  काकरापार-3  व  4  में  प्रथम  बार  क्रांनतकता  की  ओर

           गैस को वाहक के  रूप में प्रयोग करके  ‍तथा पोटेनशयम हाइड्ाक्साइड   पहुंििे की संरक्ा समीक्ा एवं नवश्ेषण
           नवियि द्ारा मानरजा‍त अनभनक्रया कक् में भेरा गया।
                                                                    काकरापार-3 व 4 के  700 MWe दानब‍त भारी पािी ररएक्टर की
           7.6.10  रलीय    धारा  में  से  िाइ‍टेट  हटािे  से  संबंनधत   नडजाइि, एईआरबी के  नियामक प्रिेखों में वनणजा‍त संरक्ा आवशयक‍ताओं
                  प्रायोनगक अध्ययि                               की पून‍तजा के  निए कई संरक्ा ‍तंत्रों व नवशेष‍ताओं का प्रयोग कर‍ती है।

                                                                 स्व‍तंत्र क्रोड न्यूट्रानिक्स ‍तंत्र के  प्रयोग से काकरापार-3 में प्रथम बार
               िानभकीय  ई ं िि  चक्र  प्रक्रमों  के   नवनभन्ि  चरणों  में  िाइट्रेट  युति   क्रांन‍तक‍ता के  अध्ययि के  निए गणिायें की गयी। स्व‍तंत्र पुटिीकरण
           अपनशटि रि िारायें बि‍ती हैं। इि रिीय िाराओं को भंडारण या   की दृनटि से निम्ि गणिायें की गयी। क्ेत्र नियंत्रण कक् (रेडसीसी) को

           रैनवक उपचार से पहिे उदासीि नकया रा‍ता है। उपचार की नवनभन्ि   खािी करिे, नवनभन्ि अनभनक्रय‍ता युनतियों के  निकाििे ‍तथा प्रथम
           ‍तकिीकी में से शून्य संयोरक‍ता िोहे रैसे िैिो उत्प्रेरकों द्ारा िाइट्रेट   क्रांन‍तक‍ता के  दौराि बोराि ‍तिुकरण के  कारण प्रभावी न्यूट्राि गुणिांक
           हटािा एक आशारिक वैकनलपक ‍तकिीक है। प्रयोगशािा में शून्य   ‍तथा अनभनक्रय‍ता में पररव‍तजाि आनद।
           संयोरक‍ता िोहे के  िैिोकणों का संश्ेषण, अनभिक्णि ‍तथा आकिि
           नकया गया है। िैिो आमाप के  शून्य संयोरक‍ता िोहे के  कण (nZVI)   7.7.2    एईआरबी  द्ारा  नवकनसत  कोड  के   प्रयोग  से  तारापुर
           रासायनिक अपचयि प्रनक्रया द्ारा बिाये गये। pH, उत्पेरक भारण,   कवथि रल ररएकटर क्रोड का संरक्ा नवशलेषण
           बनहस्ाव  सांद्र‍ता,  अनभनक्रया  काि  आनद  प्रायोनगक  प्राचिों  का   संरक्ा नवश्ेषण के  स्व‍तंत्र पुटिीकरण के  एक अंग के  रूप में एईआरबी
           नवनिव‍त अध्ययि नकया गया (नचत्र 7.21)। उत्प्रेरक के  प्रयोग से ‍तरि   नवकनस‍त  क ं प्यूटर  कोड  वीआईएसडब्लयूएएम  द्ारा  ररएक्टर  भौन‍तकी
           अपनशटि में मौरूद िाइट्रेट अहानिकारक उत्पादों में बदि रा‍ता है नरन्हें   अध्ययि शुरू नकये गये है। पुिभजारण पैटिजा 2 ई ं िि के  निए स्व‍तंत्र िैनटस
           सुगम‍ता से पयाजावरण में नवसनरजा‍त नकया रा सक‍ता है। संश्ेनष‍त िैिो   भौन‍तकी गणिायें की गयी है। िैनसट बिजा-अप कोड का प्रयोग नकया गया है
           कणों के  प्रयोग से 90% से अनिक िाइट्रेट हटाया रा सका।   ‍तथा िैनटस के  निए बिजा-अप व ‍तापमाि के  साथ न्यूट्राि गुणिांकों (K∞ व

                                                                 K ) में पररव‍तजाि, की गणिा की गयी है। साथ ही अनभनक्रया पर शी‍तिक
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            90 वार्षिक प्ररिवेदन 2019
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