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नचत्र 7.24 (ग) व (घ) : (ग) नवनभन्ि आंतररक दाब के नलए समदैनशक पदाथि्व माडल तथिा (घ) नव्म दैनशक माडल द्ारा प्राप्त मोटाई पर अवनशटि हूप प्रनतबल
भारतीय दाब िनिका के िमूिों में नवषमदेशीय एवं चक्रीय वयवहार को गया है। िानभकीय ऊराजा संयंत्रों के घटकों के स्वास्थय आकिि के निए
ध्याि में रखते हुए, पदाथजा के मॉडि के निए प्राचिों के आकिि हेतु एक एक्सएफईएम की क्मताओं व िाभ का निरूपण नकया गया।
प्रायोनगक कायजाक्रम का आरंभ नकया गया। उपिब्ि प्रकानशत डाटा के गहि
अध्ययि से अिुपिब्ि क्ेत्रों की पहचाि की गई। यह कायजाक्रम एिएमएि, 7.9 समीक्ा एवं आकलि में सहायता संरक्ा अध्ययि
रमशेदपुर के सहयोग के साथ नकया रा रहा है। 7.9.1 लोटंग में िौथाई आकार के संरोधक माडल का बेंिमाकजा
मृदा-संरििा अंतनक्रजा या नवश्ेषण
7.8.2 एकसएफईएम के प्रयोग से नवभंग यांनत्रकी प्रािलों
का आकलि मृदा-संरचिा, अंतनक्रजा या, संरचिात्मक इंरीनियरी का एक
ओईसीडी/एिईए िे, िानभकीय उद्ोग में प्रयुति नवनभन्ि कोडों की महत्वपूणजा पहिू है नवशेषत: कोमि मृदा पर िानभकीय ऊराजा संयंत्रों,
एक्सएफईएम क्मता की तुििा के निए एक बेंचमाकजा अभयास प्रस्तानवत क ं क्रीट तथा नमट्ी के बांिों रैसी भारी संरचिाओं के निए। शहरी मृदा
नकया। एईआरबी िे इस बेंचमाकजा अभयास में भाग निया। इस पररयोरिा का वािे स्थिों पर िानभकीय ऊराजा संयंत्रों की संरचिाओं की संरक्ा के
मुखय उद्ेशय था – पारंपररक एफई नवनि तथा नवश्ेषणात्मक सूत्रों से प्राप्त निए मृदा-संरचिा अंतनक्रजा या का नवस्तृत नवश्ेषण आवशयक है। ऐसे
प्रनतबि तीव्रता गुणक की एक्सएफईएम से प्राप्त माि से तुििा। नवश्ेषण की कायजा नवनि को नवस्तार से समझिे के निए यूएसएिआरसी
के साथ नमि कर एक मािक समस्या अभयास बिाया गया नरसमें
नवनभन्ि प्रकार के भारों (यांनत्रक व तापीय) के निए नवभंग यांनत्रकी िोटंग, ताइवाि में छोटे पैमािे के संरोिक माडि पर नकये गये मृदा-
प्राचिों K , K , K के निए एबीएक्यूयूएस के एक्सएफईएम सािि द्ारा संरचिा अंतनक्रजा या प्रयोगों से प्राप्त भूक ं पीय अिुनक्रया आंकडों का प्रयोग
I II III
बेंचमाकजा समस्याओं का अिुकरण नकया गया। नकया रायेगा। इस अभयास के अंतगजात पहिे कायजा में िोटंग में चौथाई
आकार के संरोिक माडि के निए एसीएस-एसएएसएसआई के प्रयोग
ररएक्टर दाब पात्र की शेि में अिजा-दीघजावृति आकार की दरार का एफई
माडि नचत्र 25(क) में नदखाया गया है। तापीय भारण (रो ररएक्टर दाब से मृदा-संरचिा नवश्ेषण नकया गया नरसमें 20 मई, 1986 के भूक ं प
पात्र में शीतिक हानि दुघजाटिा नस्थनत के अिुरूप है) के निए प्रनतबि के समाि, क्ैनतर पूवजा-पनचिम क ं पि पर नवचार नकया गया। संरोिक के
तीव्रता गुणक के आकिि के निए क्रनमक ऊष्मा अंतरण व संरचिात्मक ऊपरी व निचिे भाग तथा वाष्प रनित्र के ऊपरी व निचिे भाग के
नवश्ेषण नकया गया। प्रनतबि तीव्रता गुणक तथा रे-इंटीग्रि रैसे नवभंग अिुनक्रया स्पेक्ट्रमों की तुििा ररकानडजात अिुनक्रया से की गयी (नचत्र
यांनत्रकी प्राचिों का आकिि नकया गया तथा इिकी तुििा नवश्ेषणात्मक 7.26)। यह पाया गया नक मृदा-संरचिा अंतनक्रजा या नवश्ेषण से प्राप्त
हि (आरएसई-एम कोड) से की गयी। इसे नचत्र 7.25 (ख) में नदखाया अिुनक्रया ररकानडजात अिुनक्रया से अच्छी सहमनत प्रदनशजात करती है।
94 वार्षिक प्ररिवेदन 2019