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7.9.4  कछारी भूनम में बहुसतरीय खुदाई का संखयात्मक नवश्ेषण  का क्रनमक नवश्ेषण नकया गया है। प्रारंनभक भू-स्थैन‍तक प्रन‍तबि नस्थन‍त,
              तथा धंसाव पर अिेक भविों का प्रभाव               खुदाई के  ‘हीव’ में कमी को नचत्र 7.29 में नदखाया गया है। खुदाई के
                                                              अवनशटि प्रभाव को ध्याि में रख‍ते हुए, संरक्ा संबंिी संरचिाओं की मृदा-
            िानभकीय ऊराजा संयंत्र स्थिों पर, अिग-अिग गहराई पर भविों   संरचिा अं‍तनक्रजा या का नवस्‍तृ‍त नवश्ेषण नकया रा रहा है।
        की िींव के  निए काफी बडे क्ेत्र में अिग-अिग गहराई ‍तक खुदाई
        करिी पड‍ती है। खुदाई के  दौराि ऊपर की नमट्ी हट रािे के  बाद, िींव  7.10 एईआरबी द्ारा प्रायोनरत अिुसंधाि कायजाक्रम
        के  िीचे की नमट्ी में दबाव नवमोनच‍त हो रा‍ता है। इसके  पररणामस्वरूप,
        नमट्ी में नर‍तिी प्रत्यास्थ‍ता हो‍ती है। उसके  अिुसार खुदाई के  िीचे   एईआरबी नवनकरण संरक्ा एवं औद्ोनगक संरक्ा के  क्ेत्र में अिुसंिाि
        व उसके  आसपास की नमट्ी में ऊपर आिे की प्रवृनति हो‍ती है (नरसे   को प्रोत्साहि व अिुदाि दे‍ता है। एईआरबी की संरक्ा अिुसंिाि कायजाक्रम
        ‘एचईएवीई (हीव) कह‍ते हैं’)। गोरखपुर, हररयाणा स्थि पर इस नस्थन‍त   सनमन‍त  (सीएसआरपी)  इसके   निए  नदशा-निददेश  ‍तैयार  कर‍ती  है  ‍तथा
        का अध्ययि नकया गया है।                                सावनिक रूप से उिकी समीक्ा कर‍ती है। इस वषजा सनमन‍त िे चार ियी
                                                              पररयोरिाओं ‍तथा 10 रारी पररयोरिा के  िवीिीकरण की संस्‍तुन‍त थी।
            इस नवश्ेषण में स्थि नवशेष के  भू‍तकिीकी गुणिमयों के  प्रयोग से  इिका नववरण सारणी 7.1 व 7.2 में नदया गया है।
        मृदा (750 मी. x 650 मी. x 200 मी.), खुदाई ‍तथा भूनम के  संशोिि की
        पर‍त के  निए नवस्‍तृ‍त एफई माडि का नवकास नकया गया है। इस अध्ययि   एईआरबी,  नवश्वनवद्ाियों,  अिुसंिाि  संस्थािों  ‍तथा  वयवसानयक
        में भू-स्थैन‍तक प्रन‍तबि अवस्था, खुदाई की गहराई ‍तक नमट्ी हटािे ‍तथा   संगठिों को एईआरबी की रूनच के  नवषयों पर संगोष्ठी व कांफ्ें स आनद
        िींव ‍तक नमट्ी-सीमेंट भरिे (भरिे वािे पदाथजा के  घित्व के  प्रयोग द्ारा)   आयोनर‍त करिे के  निए आनथजाक सहाय‍ता दे‍ता है। इस वषजा 34 सेनमिार,
                                                              संगोनष्ठयों व कांफ्ें सों को सहाय‍ता दी गयी ।



















              खुदाई से पूव्व भू-सथिैनतक प्रनतबल नसथिनत  खुदाई के  कारण हीव          भराई के  बाद हीव (आइसोमीन‍टक दृश्य)

                                             नचत्र 7.29 : बहु-सतरीय खुदाई नवश्े्ण के  पररणाम

        सारणी 7.1 : अिुमोनदत ियी अिुसंधाि पररयोरिाएँ


         क्र.                     पररयोरिा का शीषजाक                        मुखय                 संसथाि
          सं.                                                           अिुसंधािकताजा
          1   बाहरी घटिा के  कारण कठोर नमसाइि के  आघा‍त के  प्रन‍त भार‍तीय दानब‍त भारी पािी  डॉ. मोहम्मद अशरफ  आईआईटी, रुडकी
              ररएक्टरों की दोहरी संरोिक संरचिाओं का प्रायोनगक एवं संखयात्मक आकिि  इकबाि

          2   प्रगनि‍त थोररयम-क ं क्रीट अं‍तनक्रजा या अध्ययि           डॉ. अरूण क ु मार   आईआईटी बंबई, मुंबई
                                                                       श्ीिरि
          3   नवश्ेषणात्मक नवनियों द्ारा द्रवीकरण संभाविा का आकिि      डॉ. एस. डी. अिी‍ता  एम. एस. रामयया अिुप्रयुति नवज्ञाि
                                                                       क ु मारी       नवश्वनवद्ािय, बैंगिोर
          4   प्रन‍तबनि‍त क ं क्रीट संरचिाओं में संक्ारण रोिकों के  निए प्रभावी कायजाशीि ग्रुप वािे  डॉ. श्वे‍ता गोयि  थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंरीनियररंग एंड
              रान‍तग‍त यौनगकों के  कायजा निष्‍पादि का आकिि                            टेक्िािॉरी, पनटयािा



                                                                                              वार्षिक प्ररिवेदन 2019  97
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