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7.4.6 सथल-नवशेष के आंकडे एकत्र करिा तथा सूििा तंत्र बिािा सैट-8 आंकडों का कृनत्रम रंगीि नचत्र (बैंड 3 : िाि, बैंड 2 – हरा, बैंड 1
- िीिा) (नचत्र 7.12 (क)) बिाया गया है। प्रमुख भूनम उपयोग वगजा हैं – वि
िानभकीय एवं नवनकरण आपातकाि मािीटरि प्रकोष्ठ बागाि, झाडीदार भूनम, निनमजात क्ेत्र, बंरर भूनम, गीिी रेत, कृनष भूनम तथा
(एिआरईएमसी) की गनतनवनि के एक अंग के रूप में िरोरा स्टेशि के रिाशय नरिमें िनदयां, रिक ुं ड, बांि, टैंक, तािाब तथा पचि रि क्ेत्र हैं
आपातकाि योरिा क्ेत्र के भू-स्थानिक आंकडे एकत्र नकये गये हैं नरिमें
गावों की िवीितम रिसंखया, आपातकाि मंडि, सेक्टर, एकनत्रत होिे के (नचत्र 7.12 (ख))।
स्थाि आनद की रािकारी है नचत्र 7.11 (क)। आपातकाि योरिा क्ेत्र में 7.4.8 रैतापुर सथल के नलए भू-सथानिक आधार रेखा
316 गांव है। अपस्थिीय आपातकाि प्रबंिि के एक ग्रानफकि प्रयोतिा डाटाबेस बिािा
अंतपृजाष्ठ (रीयूआई) आिाररत सूचिा तंत्र का नवकास नकया गया है नरसमें
स्थि-नवशेष रािकारी एवं वातावरणीय नवक्ेपण माडिों के प्रयोग से प्रश्न- रैतापुर स्थि के निए भू-स्थानिक डाटाबेस बिाया गया है नरसमें
आिाररत आंकडा प्रानप्त तथा प्रदशजाि की क्मता है। यह तंत्र, कम संभानवत भू-नवज्ञाि, मृदा, सतही रिाशयों सनहत निकासी िेटवकजा , रि-भू-आकृनत
पररकनलपत दुघजाटिा नस्थनतयों में नवमोचि के प्रदशजाि के निए वातावरणीय नवज्ञाि, भूनम उपयोग/भूनम आच्छादि, रिसंखया नववरण सनहत गांवों के
नवक्ेपण का अिुकरण भी कर सकता है। गांव के मािनचत्र पर नपच्छक का मािनचत्र तथा सडकों के राि आनद की रािकारी है (नचत्र 7.13 (क)
अनिनचत्र आपात नस्थनत के तुरंत आकिि की रािकारी देता है (नचत्र व 7.13 (ख))। िानभकीय व नवनकरण आपातकाि मािीटरि प्रकोष्ठ
7.11 (ख))। इस तंत्र का प्रयोग नकसी पररकनलपत दुघजाटिा नस्थनत में निणजाय (एिआरईएमसी) में इि आंकडों का प्रभावी प्रयोग नकया रा सकता है।
सहायक तंत्र के पुटिीकरण के निए नकया रा सकता है। 7.4.9 िानभकीय ऊराजा संयंत्र सथलों के निकट की मृदा का भू-
सथानिक डाटाबेस
7.4.7 सभी सथलों के नलए भूनम उपयोग/भूनम आचछादि
मािनित्र बिािा (आपातकाल योरिा क्ेत्र) किपक्कम, क ु डिक ु िम व काकरापार स्थिों के निए भौनतक
रासायनिक गुणिमयों सनहत मृदा के मािनचत्र बिाये गये हैं। इि मािनचत्रों में
सभी िानभकीय संयंत्र स्थिों के निए, राष्ट्रीय सुदूर संवेदि कें द्र
(एिआरएससी) वगवीकरण नियामविी के आिार पर ररसोसजा सैट-2 उपग्रह मृदा के प्रत्येक प्रकार की भौनतक सीमा िक्शे के रूप में तथा उिके भौनतक
नचत्रों (वषजा 2019 के िैंड सैट आंकडों द्ारा संशोनित) के प्रयोग से, रासायनिक गुणिमजा सारणी के रूप में नदये गये हैं।
भूनम उपयोग/भूनम आच्छादि मािनचत्र तैयार नकये गये हैं। नचत्र संसािि 7.4.10 मद्ास परमाणु ऊराजा सटेशि के नवकास-वनरजात क्ेत्र में
साफटवेयर के प्रयोग द्ारा अनिरीनक्त वगवीकरण के बाद दृशय प्रनतपादि शहरीकरण का सथानिक- कानलक निगरािी
तकिीकों द्ारा मैिुअि वगवीकरण नकया गया है। अध्ययि वािे क्ेत्र के
मध्यम नवभेदि उपग्रह िैंड सैट बैंड 8 (स्थानिक नवभेदि 15 मीटर) के
भूनम उपयोग/भूनम आच्छादि के निम्ि प्रकार हैं – वि बागाि, फसिों की वषजा 2000 व वषजा 2005 के आंकडों की, 5 नकमी नत्रज्या के क्ेत्र के निए
भूनम, कृनष बागाि, तटीय बागाि, निनमजात क्ेत्र, रेत के टीिे, बंरर भूनम तथा तुििा की गयी है। भूनम उपयोग में पररवतजाि पाया गया है क्योंनक कृनष भूनम
रिाशय आनद। प्रनतपादि एवं वगवीकरण के निए काकरापार स्थि के िैंड
को आवासीय भूनम बिाया गया है (नचत्र 2.14)।
नचत्र 7.11 (ख) : िरोरा सटेशि में गांव आधाररत प्रश्रों के नलए िानभकीय व
नचत्र 7.11 (क) : िरोरा सटेशि के आपातकाल योजिा क्षेत्र के गांवरों का मािनचत्र नवनकरण आपातकाल प्रबंधि तंत्र (एिईएमआईएस) का निण्वय
सहायक तंत्र (डीएसएस)
84 वार्षिक प्ररिवेदन 2019