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नवश्ेषण 0.1 m/s से 5 m/s की प्रन‍तक ू ि िारा वेग के  निए नकये गये  ‍तंत्र ‍तापीय द्रवचािि माडिि से संबंनि‍त है। चरण 1A के  पररणामों की
        हैं। यह पाया गया नक पुिससंयोरि के  प्रारंभ का समय बिकृ‍त संचरण  ‍तुििा अन्य अिुसंिािक‍ताजाओं के  पररणामों से की गयी। इस अभयास में
        (प्रन‍तक ू ि िारा) वेग का प्रन‍तिोमािुपा‍ती है।       भापअकें द्र, एईआरबी, एिपीसीआईएि ‍तथा आईरीसीएआर भाग िे रहे
                                                              है। चरण 1C के  नवनिददेश ‍तैयार करके  प्रन‍तभानगयों को भेरे गये हैं।
        7.1.6  700  MWe  दानबत  भारी  पािी  ररएकटर  में  संरोधक
               हाइड्ोरि नवतरण का सीएफडी अिुकरण                7.1.8 आइसोमेड स्ोत भंडारण शीतलि नवश्ेषण तथा शीतलि
                                                                   क ुं डली नडज़ाइि
            इस कायजा का मुखय उद्ेशय है दुघजाटिा नस्थन‍त शी‍तिक हानि, आपा‍ती क्रोड
        शी‍तिि ‍तंत्र हानि ‍तथा नवमंदक संचरण हानि (एिओसीए + एिईसीसीएस +   भार‍त में नचनकत्सा उत्पादों के  निरमवीकरण के  निए पहिी नकरणि
        एिएमओडीसी) के निए संरोिक में हाइड्ोरि नव‍तरण का अध्ययि। 17000   संयंत्र संयुति राष्‍ट्र संघ नवकास कायजाक्रम (यूएिडीपी) की सहाय‍ता से ट्रांबे में
        सेक ं ड ‍तक के निए अिुकरण पूरा नकया गया। संरोिक में 120 मीटर से ऊपर (ई ं िि   स्थानप‍त नकया गया था। इस संयंत्र में नवनकरण स्ो‍त के  रूप में  Co का प्रयोग
                                                                                                       60
        मशीि ‍ति) एक समाि 5.4% हाइड्ोरि आय‍तिात्मक सांद्र‍ता पायी गयी। ई ं िि   हो‍ता है ‍तथा संयंत्र चार दशकों से अनिक समय से (1974 से) प्रचानि‍त
        मशीि वालट से नवकणजा‍त: उलटी नदशा में हाइड्ोरि सांद्र‍ता की 2 अिग-अिग   है। नवनकरण स्ो‍त एक क ं क्रीट सेि में नस्थ‍त है ‍तथा क ं क्रीट को शीलड में
        पर‍तें पायी गयी नरिमें ऊपरी व निचिी पर‍त में हाइड्ोरि सांद्र‍ता क्रमश: 3.5%   अ‍त:स्थानप‍त क ुं डनियों द्ारा ठंडा नकया रा‍ता है। शी‍तिि क ुं डनियों की
        व 2.5% थी।
                                                              क्म‍ता के  आकिि के  निए बहुभौन‍तकी साफटवेयर सीओएमएसओएि के
        7.1.7 540 MWe दानबत भारी पािी ररएकटर के  नलए युन्मत  प्रयोग से क ं क्रीट शीलड (स्टीि अस्‍तर सनह‍त) के  3-D माडि का नवकास
              नयू‍टानिकस तापीय द्विालि संरक्ा नवश्ेषण         नकया गया। चूंनक इस संयंत्र का िवीिीकरण हो रहा है अ‍त: नरिट के  आवेदि
                                                              पर एईआरबी िे क ुं डिी की ियी नडजाइि के  निए ‍तापीय नवश्ेषण नकया
            संरक्ा  अध्ययि  समन्वय  की  डीएई  संचािि  सनमन‍त  (डीएई-
        एससीएसआर) के  ‍तत्वाविाि में एईआरबी िे भार‍तीय ररएक्टरों के  निए   ‍तानक क ं क्रीट का ‍तापमाि 65°C से कम रहे। कम घित्व ‍तथा अनिक
        दृढ न्यूट्राि बिगन‍तकी/‍तापीय द्रवचािि अं‍तनक्रजा या वािी प्रारंभि घटिा   घित्व वािे क ं क्रीट के  निए क ुं डनियों के  कई नवन्यासों का अध्ययि नकया
        के  नवश्ेषण के  निए एक संदभजा बेंचमाकजा  अध्ययि शुरू नकया है। इस   गया ‍तथा उच्च घित्व क ं क्रीट के  निए इटि‍तम अं‍तराि ‍तथा स्थाि ज्ञा‍त
        बेंचमाकजा  समस्या में दो में से एक िूप में पररकनलप‍त शी‍तिक हानि दुघजाटिा   नकया गया। नचत्र 7.4 (क) व (ख) क्रमश: व‍तजामाि व संशोनि‍त नडजाइि में
        के  नवश्ेषण से संबंनि‍त है। इस अभयास के  दो चरण हैं। चरण 1(1A,   ‍तापमाि नव‍तरण नदखाया गया है। साथ ही आरईएिएपी 5 क ं प्यूटर कोड

        1B व 1C) अभयास अके िे क्रोड न्यूट्रानिक्स ‍तथा ‍तंत्र ‍तापीय द्रवचािि   के  प्रयोग से िूप का प्राकृन‍तक संचरण प्रवाह ज्ञा‍त करिे के  निए अिुकरण
        माडिि पर कें नद्र‍त है रबनक चरण 2 में समेनक‍त 3D क्रोड न्यूट्रानिक्स ‍तथा   नकया गया।






















              (क)
                                                                  (ख)


           नचत्र 7.4 (क) : वत्वमाि क ुं डली नडज़ाइि तथिा जल शीतलि के  साथि तापमाि   नचत्र 7.4 (ख) : संशोनधत क ुं डली नडज़ाइि तथिा जल शीतलि के  साथि तापमाि
                   नवतरण                                                नवतरण




                                                                                              वार्षिक प्ररिवेदन 2019  79
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