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नवनि का प्रयोग हो‍ता है। इस प्रनक्रया में बडी मात्रा में प्िूटोनियम युति  7.4.4  िये  अनधशोषकों  के   प्रयोग  से  रलीय  धाराओं  में
        आक्जेनिक अम्ि नवियि प्राप्त हो‍ता है। नवियि से प्िूटोनियम की प्रानप्त   आयोडीि अवधारण
        ‍तथा आक्जिेट अपनशटि के  सुरनक्‍त निपटाि के  निए आक्जेनिक अम्ि
        को िटि करिा आवशयक है।                                     कम संभानव‍त पररकनलप‍त दुघजाटिा नस्थन‍तयों में िानभकीय ररएक्टर से
                                                              रेनडयोआयोडीि का नवमोचि हो सक‍ता है। आयोडीि, CsI, AgI, InI,
                                                              FeI  आनद आयोडाइडों के रूप में संरोिक में नवमोनच‍त हो सक‍ती है। इसकी
                                                                 2
                                                              नवशेष‍ता यह है नक यनद आयोडीि पािी में घुि राये, ‍तो यह वाष्‍पशीि
                                                              रासायनिक रूप में पररवन‍तजा‍त होकर संरोिक वा‍तावरण में रा सक‍ती है।
                                                              आयोडीि को संप में ही रोकिे के निए आयोडीि को अनिशोनष‍त करके
                                                              रिीय प्रावस्था में रोकिे के निए अनिशोषकों का प्रयोग हो‍ता है। इसके
                                                              निए रासायनिक संसेचि नवनि से चांदी िेनप‍त एलयूनमिा ‍तैयार की गयी ‍तथा
                                                              एक्स-रे नवव‍तजाि, एसईएम आनद द्ारा उसका अनभिक्ण नकया गया। रिीय
                                                              प्रावस्था से आयोडीि हटािे का प्रदशजाि नवनभन्ि pH स्‍तरों पर नकया गया।

                                                              आयोडीि हटािे की दक्‍ता इस प्रकार थी – उदासीि > अम्िीय > क्ारीय।

                                                              7.4.5 सीररयम भाररत स‍टांनशयम बोरोफासफे ट कांि का संश्ेषण
                                                                   व तापीय अनभलक्ण

               नचत्र 7.9 : पो‍टेनशयम आकज़ले‍ट का प्रकाश उत्प्रेरण निमिीकरण  बोरोफास्फे ट  कांच  में  उच्च  रासायनिक  एवं  यांनत्रक  स्थानयत्व
                                                              के  गुण हैं। इिका उपयोग रेनडयोसनक्रय अपनशटि के  काचि ‍तथा रैव
                                                              पदाथयों के  कांच िा‍तु सीि में नकया रा‍ता है। िीनथयम को फिक्स के
            संरक्ा अिुसंिाि संस्थाि की रसायनिकी प्रयोगशािा में फोटो ररएक्टर  रूप में ‍तथा नरंक को संशोिक के  रूप में प्रयोग करके  बोरोफास्फे ट

        में प्रकाश उत्प्रेरक प्रनक्रया द्ारा आक्जिेट आयियुति ‍तरि अपनशटि से  कांच का संश्ेषण नकया गया। प्िूटोनियम युति अपनशटि के  स्थाि पर
        आक्जेनिक अम्ि का पूणजा निम्िीकरण नकया गया। निम्िीकरण के  बाद  प्रन‍तनिनि के  रूप में सीररयम का प्रयोग नकया गया। यह पाया गया है नक
        क्रोमेटोग्राफी ‍तंत्र का प्रयोग नकया गया। इस प्रनक्रया से आक्जिेट युति  4mol% सीररयम भारण ‍तक बायोफास्फे ट कांच बििे पर कोई प्रभाव
        अपनशटि का पूणजा निम्िीकरण प्राप्त हुआ। यह प्रनक्रया इस प्रकार है – अम्िीय  िहीं पड‍ता। अपनशटि भारण की समांग‍ता की रांच एसईएम-ईडीएक्स
        > उदासीि > क्ारीय pH (नचत्र 7.9)। यह कायजानवनि मैि-रेम ‍तथा नद्‍तीयक  द्ारा की गयी (नचत्र 7.10 (क) व (ख))। ईडीएक्स ‍तानत्वक नचत्रण से
        अपनशटि रिि कम करिे में सहायक होगी।                    सीररयम के  एक समाि नव‍तरण की पुनटि हुई।


























                   नचत्र 7.10 (क) : C 0.5 िमूिे का एसईएम नचत्र           नचत्र 7.10 (ख) : C 0.5 िमूिे का तानत्वक नवश्े्ण



                                                                                              वार्षिक प्ररिवेदन 2019  83
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