Page 50 - AERB Bulletin Hindi
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प्रलेख व‍वकास






          वन‍यामक प्रलेखों का व‍वकास                           एईआरबी ने नाधभकीय ई ं िन चक्र व धवधकरण सुधविाओं क े  धनयमन
                                                               में प्रयोग क े  धिये इन प्रिेखों क े  सं्ोिन धवकास का एक प्रधक्रया
          एईआरबी, सुधविाओं तथा प्रयोगकताजाओं क े  धिये धनयामक संरक्ा   बनायी िै। तैयारी क े  दौरान उनकी बिुचरणी समीक्ा की राती िै। पूरी
          प्रिेखों क े  रूप में संरक्ा आवश्यकताओं का धवकास करक े  उनका   धवकास प्रधक्रया में धवषय धव्ेषज्ञ, सुधविा एवं रूधचिारक प्रत्यक् रूप
          मागजाद्जान करता िै। ये प्रिेख परमाणु ऊराजा (धवधकरण संरक्ण) धनयम,   से अथवा ध‍टप्पणी व प्रधतपुधटि क े  माध्यम से इससे रुड़े रिते िैं।
          2004 क े  अंतगजात रारी धकये राते िैं। ये प्रिेख धनयमन क े  अंतगजात
          आने वािी सभी नाधभकीय एवं धवधकरण सुधविाओं व गधतधवधियों क े
          धिये बनाये राते िैं।





                                                                                          एईआरबी  ने  अभी  तक
                                        चचा्य  ए‍वं  संरक्षा  समरीक्षाओं  का              क ु ल  165  डन‍यामक
                        संरक्षा संवहिाएं /   पररणाम                                       संरक्षा  प्लेख  प्काडशत
                         संरक्षा मानक
                                        अनुमवि प्रवक्र‍या ‍या वन‍यमों क े  प्र‍वि्यन क े    डक‍यें
                                        दौरान पहचानरी ग‍यरी आ‍वश्‍यकिा‍यें
                       संरक्षा वनददेवशकाएं /
                        संरक्षा संदवश्यकाएं  एईआरबरी  से  संबद्  न‍ये  वन‍यामक  ‍व
                                        िकनरीकी व‍वकास
                       संरक्षा वन‍यमा‍ववल‍यां
                                        अंिरा्यष्ट्री‍य प्र‍था‍यें
                        िकनरीकी प्रलेख /  संस्िुि/स्‍वरीक ृ ि  प्र‍थाओं  क े   व‍ववशष्ट   एईआरबी क े  डरशेरज्ों क े  आईएईए क े
                          मोनोग्ाफ      पहलू
                                                                                32 ड्ाफ‍ट संरक्षा मानकों तथा प्लेख
                                        नावभकी‍य  ए‍वं  व‍ववकरण  सुव‍विाओं  से
                                        प्राप्त अनुभ‍व/प्रविपुवष्ट              तै‍यारी  मसौदे    की  समीक्षा  करक े
                                                                                अपने मूल‍यरान सुझार डद‍ये








                                               न‍ये प्रकावशि संरक्षा प्रलेख




                                 संरक्षा  संदवश्यका  “रेवर‍योसवक्र‍य   संरक्षा संदवश्यका “रेवर‍योनावभकों
                                 संदूषण  से  प्रभाव‍वि  क्षेत्  क े    क े  अंिग््यहण क े  कारण व‍या‍वसा-
                                 पुनरूद्ार की संरक्षा संदवश्यका ”   व‍यक उद्ासन का मानरीटरन ए‍वं
                                 [एईआरबरी/एनआरएफ/  एसजरी/      आकलन”  [एईआरबरी/एनआ-
                                 आररब्‍ल‍यू-9, 2019]           रएफ/ एसजरी/ आरपरी-1, 2019]
                                 यि संदध्जाका, रेधरयोसधक्रय संदूषण   यि  संदध्जाका,  रेधरयोनाधभकों  क े
                                 से प्रभाधवत क्ेत् क े  क े  पुनरूदार की   अंतग्रजािण  क े   कारण  काधमजाकों  को
                                 योरना व उसको िागू धत संदूषण   धमिी रोज क े  आकिन क े  धिये
                                 को  कम  करने  क े   धिये  संरक्ी  व   मागजाद्जान  प्रदान  करती  िै।  यि
                                 उपचारी कायजा तथा संबंधित संदूषण   संदध्जाका  नाधभकीय  ई ं िनचक्र
                                 से उद्ासन की संभावना को कम    सुधविाओं तथा आंतररक उद्ासन
                                 करने  क े   धिये  मागजाद्जान  प्रदान   का  संभावना  वािी  धवधकरण
                                 करती िै।                      सुधविाओं क े  काधमजाकों की आंतररक
                                                               रोजधमधत क े  धिये िागू िोती िै।




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