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03         िानिकीय एिं निनकरण सुनििाओं का
                       नियामक निरीक्ण






        3.1  नियामक निरीक्ण कायजाक्रम                         (v)  उपिबि संसािि, ‍तथा


            नियामक  निरीक्ण  कायजाक्रम  एक  महत्वपूणजा  नियामक  प्रनक्रया  है।  (vi) नियामक एवं आईएमएस प्रिेखों में नदये गये नदशानिददेश .
        एईआरबी अपिे अनिकार के  अं‍तगजा‍त आिे वािी िानभकीय, औद्ोनगक
        एवं नवनकरण सुनविाओं में नियामक आवशयक‍ताओं व अिुमन‍त की श‍तयों   निरीक्ण ररपोटजा को सुिारक कायजावाही के  निए सुनविा को भेरा रा‍ता
        के  अिुपािि की रांच के  निए नियामक निरीक्ण कर‍ती है। निरीक्ण   है। निरीक्ण के  पररणामों की समीक्ा एवं समािाि की रांच के  निए क्रनमक
        कायजाक्रम से उच्च स्‍तर का भरोसा नमि‍ता है नक िायसेंसीकृ‍त गन‍तनवनियां,   रूप से वगवीकृ‍त नकया रा‍ता है। निरीक्ण के  दौराि पायी गयी कनमयों के  बारे

        नियामक आवशयक‍ताओं ‍तथा संरक्ा व सुरक्ा उद्ेशयों के  अिुसार की   में की गयी कायजावाही की ररपोटजा सुनविा द्ारा नििाजारर‍त समय सीमा में प्रस्‍तु‍त
        रा रही हैं। एईआरबी में एक वयापक व सुवयवनस्थ‍त वानषजाक कायजाक्रम   की रा‍ती है। इि ररपोटयों की एईआरबी में समािाि की रांच ‍तथा नकसी
        बिाया रा‍ता है ‍तानक नवनभन्ि अिुमन‍त चरणों रैसे स्थि चयि, निमाजाण,   प्रव‍तजाि कायजावाही की आवशयक‍ता के  निए समीक्ा की रा‍ती है।
        कमीशिि, प्रचािि, नवकमीशिि ‍तथा नियामक नियंत्रण से नवमुनति के    यनद एईआरबी की राय में, िायसेंसिारक िे रािबूझकर या अिरािे
        दौराि गन‍तनवनियों की रांच की रा सके ।
                                                              में िायसेंस की श‍तयों का उलिंघि नकया है या संरक्ा संबंिी नकसी रािकारी

            ये नियामक निरीक्ण एईआरबी की संरक्ा संदनशजाका ‘िानभकीय एवं   को छुपाया है या गि‍त सूचिा दी है ‍तो एईआरबी कारण ब‍ता‍ते हुए प्रव‍तजाि
        नवनकरण सुनविाओं में नियामक निरीक्ण एवं प्रव‍तजाि’ (एईआरबी/एसरी/  कायजावाही कर सक‍ती है। गंभीर अपािि की नस्थन‍त में, आवशयक‍ता पडिे
        री-4) में नदये गये निददेशों के  अिुसार नकये रा‍ते हैं। संदनशजाका में नवनभन्ि   पर, निरीक्ण दि स्थि पर ही प्रव‍तजाि कायजावाही कर सक‍ता है।
        प्रकार की सुनविाओं पर िागू होिे वािे नदशानिददेशों को एईआरबी के
        समेनक‍त प्रबंिि ‍तंत्र (आईएमएस) प्रिेखों में नवस्‍तार से समझाया गया है।   प्रव‍तजाि में निम्ि में से एक या अनिक प्रकार की कायजावाही की रा
                                                              सक‍ती है –

            ये निरीक्ण सावनिक रूप से ‍तथा नवशेष पररनस्थन‍तयों में भी नकये रा‍ते
        हैं। सामान्य‍तया निरीक्णों की पूवजा-सूचिा दी रा‍ती है। नवशेष उद्ेशय के  निए   (क) निरीक्ण के  दौरि पायी गयी कमी या नवचिि को सं‍तोषप्रद ढंग से
        भी क ु छ निरीक्ण नकये रा‍ते हैं। निरीक्ण की आवृनति एवं गहि‍ता सुनविा में   सुिारिे के  निए निनख‍त आदेश;

        रोनख़म संभाविा ‍तथा अिुमन‍त के  चरण पर निभजार कर‍ती है। एईआरबी निम्ि  (ख) आवेदक/िायसेंसिारक को, उनच‍त समय सीमा में, सुिार के  निए
        मुद्ों पर नवचार करके  सभी िानभकीय व नवनकरण सुनविाओं के  निरीक्ण के    निनख‍त आदेश;

        निए एक सुसंगनठ‍त योरिा बिा‍ता है :
                                                              (ग)  गन‍तनवनि को घटािे या बंद करिे का आदेश;
        (i)  सुनविा या गन‍तनवनि में ख‍तरे का संभानव‍त पररमाण एवं प्रकृन‍त   (घ) िायसेंस का संशोिि, नििंबि या रद् करिा, ‍तथा


        (ii) संरक्ा समीक्ा के  निष्‍कषजा                      (ड.) परमाणु ऊराजा अनिनियम, 1962 के  प्राविािों के  अं‍तगजा‍त कािूिी

                                                                  कारजावाई करिा।
        (iii) सुनविा में गन‍तनवनियों की प्रगन‍त
                                                                  इस  वषजा  के   दौराि  नवनभन्ि  िानभकीय,  औद्ोनगक  एवं  नवनकरण

        (iv) नपछिे निरीक्णों का अिुभव                         सुनविाओं में नकये गये नियामक निरीक्णों की रािकारी िीचे के  खंडों
                                                              में दी गयी है –






                                                                                              वार्षिक प्ररिवेदन 2019  51
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