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(vii) ‘मािनसक आघात प्राप्त वयनतियों के पररवहि और प्रबंधि’ पर के निए प्रायोनगक रूप से प्रदशजाि करिा था। डीएई की नवनभन्ि इकाइयों से
12वीं कायजाशाला िगभग 90 प्रनतभानगयों िे इस कायजाशािा में भाग निया।
के के एिपीपी स्थि पर 14-15 िवंबर 2019 को संयुति रूप से एईआरबी कायजाशािा में दी गई प्रस्तुनतयों के नवषय इस प्रकार थे (i) आघात
और के के एिपीपी िे डीएई इकाइयों के सारे सरजाि और पैरामेनडकि प्राप्त वयनतियों का आरंनभक आकिि और सवदेक्ण (ii) वायुमागजा और
कायजाकताजाओं के निए ‘मािनसक आघात प्राप्त वयनतियों के प्रबंिि और श्वास-प्रश्वास प्रबंिि, (iii) अपघात, पररसंचिि और संवहिी तक पहुंच,
पररवहि’ के निए 12वीं कायजाशािा का आयोरि नकया। कायजाशािा का (iv) वक्ीय एवं उदरीय ट्रामा तथा (v) हाथ-पैर कटिे या अंग नवच्छेद का
उद्ेशय ट्रामा वािे वयनतियों के प्रबंिि और पररवहि के साथ उिके बचाव आघात। प्रनतभानगयों को कायजाशािा अनिक उपयोगी सानबत हुई।
काय्वशाला में क ु शलता सत्र काय्वशाला में प्रायोनगक प्रदश्वि सत्र
श्ी जी. िागेश्वर राव अध्यक्ष, एईआरबी तथिा काय्वशाला के प्रनतभागी उद्ाटि समारोह में
110 वार्षिक प्ररिवेदन 2019