Page 41 - AERB Bulletin Hindi
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आपािरी िै‍याररी को सुदृढ़ बनाना
                                  आपाती अभयास करने की धनयामक आवश्यकताओं में सं्ोिन क े  धिये एईआरबी अपस्थिीय अभयास क े
                                  धिये नयी धवधि बना रिा िै। ‍टेबि-‍टाप अभयास, संित कमांर धनयंत्ण एवं अनुधक्रया अभयास (आईसीसीआर)
                                  तथा क्ेत् अभयासों की नीधत बना कर उन्िें संपन्न धकया गया धरसमें आपदा प्रबंिन क े  धवधभन्न पििुओं पर
                                  ध्यान क ें धद्त धकया गया। अभी तक धवधभन्न स्थिों पर 3 परीक्ण ‍टेबि-‍टाप अभयास तथा दो आईसीसीआर
                                  अभयास धकये गये िैं।


                                  स्‍थलरी‍य आपािकाल सहा‍यिा क ें द् (ओईएससरी)
                                  फ ु क ु ्ीमा  दुघजा‍टना  क े   बाद  एईआरबी  ने  सभी  स्थिों  पर  आपाती  सिायता  क ें द्  स्थाधपत  करने  की
                                  आवश्यकताओं व धद्ाधनददे्ों का धनिाजारण धकया िै। ये क ें द् संयंत् क े  धरजाइन आिार से परे क े  भूक ं पों व
                                  बाढ को सिन करने की क्मता रखते िैं। तारापुर व काकरापार में इन क ें द्ों का धनमाजाण कायजा रारी िै।




                                  नावभकी‍य ए‍वं व‍ववकरण आपािकाल मानरीटरण प्रकोष्‍ठ (एनआरईएमसरी)
                                  नाधभकीय एवं धवधकरण आपातधस्थधत में अनुधक्रया की प्रगधत क े  मानी‍टरन तथा समीक्ा क े  धिये एईआरबी में
                                  यि प्रकोष्‍ठ बनाया गया िै धरसमें आपातधस्थधत क े  धवश्िेषण, आपाती अनुधक्रया व संरक्ी काययों क े  आकिन
                                  तथा रनता व सरकार सधित सभी रूधचिारकों क े  साथ घ‍टना क े  संरक्ा मित्व तथा कायजावािी को साझा
                                  करने की क्मता िै।

          एकीक ृ ि कमांर वन‍यंत्ण ए‍वं अनुवक्र‍या (आईसरीसरीआर) अभ‍यास

          आईसीसीआर अभयास, कमांर धनयंत्ण कायजा, अनुधक्रया का समय, प्रारंधभक क्ेत् अनुधक्रया, धवधभन्न एरेंधसयों क े  बीच संप्रेषण व समन्वय आधद
          क े  परीक्ण क े  धिये धकया राता िै। इस वषजा धसतंबर 2019 में किपक्कम स्थि पर अपस्थिीय अभयास धकया गया। इसे नाधभकीय आपातधस्थधत
          की अनुधक्रया में भूधमका रखने वािे सभी संस्थानों को चुनौती देने क े  धिये बनाया गया था। पऊधव तथा अन्य सरकारी संस्थानों ने इस अभयास
          में भाग धिया। संबंधित संस्थानों की साम‍थयजा एवं पायी गयी कधमयों की पिचान की गयी ताधक उन्िें सुिारा रा सक े । इससे प्राप्त प्रधतपुधटि का
          उपयोग अपस्थिीय अभयासों क े  बारे में एईआरबी की सं्ोधित नीधत बनाने में धकया रायेगा।



                                                                       धरिा आपाती कायजा क ें द् से धरिा अधिकाररयों द्ारा
                                                                                धनणजाय प्रधक्रया का प्रद्जान





































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