Page 3 - AERB Bulletin Hindi
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एईआरबी बोरजा की बैठक


          एईआरबी पररचय



          एईआरबी क े  बोरजा में अध्यक्, पांच सदस्य तथा एक सधचव (रो बोरजा का सदस्य निीं   एईआरबी  का  गठन,  परमाणु  ऊराजा
          िै) िोते िैं। एईआरबी में वतजामान में 342 से अधिक कमजाचारी िैं रो मुंबई मुखयािय क े  8   अधिधनयम,  1962  (1962  क्रमांक
          तकनीकी प्रभागों, किपक्कम क े  संरक्ा अनुसंिान संस्थान तथा चेन्नई, कोिकाता व   33)  िारा  27  अंतगजात  प्रदत्त  अधिकारों
          नई धदलिी क े  क्ेत्ीय धनयामक क ें द्ों में कायजारत िैं।             क े   प्रयोग  से  भारत  क े   राष्‍ट्रपधत  द्ारा,
          एईआरबी अपना कायजा बोरजा क े  मागजाद्जान में उच्च अिजाता प्राप्त कमजाचाररयों तथा धव्ेषज्ञ   अधिधनयम क े  अंतगजात क ु छ धनयामक एवं
          सधमधतयों द्ारा करता िै। ्ीषजा सधमधतयों में प्रचाधित संयंत् संरक्ा समीक्ा सधमधत   संरक्ा प्रकाययों क े  धिये 15 नवंबर, 1983
          (एसएआरसीओपी) तथा धवधकरण अनुप्रयोग संरक्ा समीक्ा सधमधत (एसएआरसीएआर)   को धकया गया था।
          ्ाधमि  िैं।  इसक े   अधतररक्त  पररयोरना  संरक्ा  समीक्ा  सिािकार  सधमधत   एईआरबी  की  संरक्ा  एवं  धनयामक
          (एसीपीएसआर), नाधभकीय एवं धवधकरण संरक्ा सिािकार सधमधत (एसीएनआरएस),   आवश्यकताओं  का  वणजान  धवधभन्न
          सुरक्ा सिािकार सधमधत (एसीएस) तथा वयावसाधयक स्वास्‍थय सिािकार सधमधत   संधिताओं व संदध्जाकाओं में धकया राता
          (एसीओएच) रैसी सिािकार सधमधतयां भी िैं। एसीपीएसआर, एईआरबी क े  अंतगजात   िै।  अब  तक  िगभग  165  प्रिेखों  का
          आने वािी पऊधव पररयोरनाओं क े  धिये संबंधित पररयोरना धरजाइन संरक्ा सधमधतयों   धवकास करक े  इन्िें प्रकाध्त धकया गया िै।
          (पीरीएससी) की संस्तुधत क े  आिार पर पररयोरना अधिकाररयों की प्रस्तुधतयों की   नाधभकीय एवं धवधकरण सुधविाओं क े  धिये
          समीक्ा क े  बाद पररयोरना क े  धवधभन्न चरणों क े  धिये अनुमधत प्रदान करने पर पराम्जा   इनक े  रीवनकाि में स्थिचयन, धनमाजाण,
          देती िै।                                                            कमी्नन, प्रचािन एवं धवकमी्नन आधद

          एसएआरसीओपी सधमधत एईआरबी क े  अंतगजात आने वािी पऊधव क े  प्रचाधित संयंत्ों   धवधभन्न चरणों में एईआरबी की अनुमधत
          की संरक्ा धनगरानी करती िै तथा उनक े  संरक्ा प्रधतबंिों क े  प्रवतजान क े  बारे में संस्तुधत   आवश्यक  िै।  ये  अनुमधतयां,  धनयामक
          करती िै। एसएआरसीआर सधमधत धवधकरण एवं रेधरयोसधक्रय स्ोतों का प्रयोग करने वािे   आवश्यकताओं  की  पूधतजा  को  सुधनधचित
          धचधकत्सा, औद्ोधगक एवं अनुसंिान संस्थानों में धवधकरण संरक्ा क े  प्रवतजान क े  उपायों   करने क े  बाद रारी की राती िै। अनुमधत
          की संस्तुधत करती िै। संरक्ा संधिताओं/संदध्जाकाओं क े  धवकास पर तथा नाधभकीय व   रारी करने से पििे प्रत्येक चरण क े  धिये
          धवधकरण संस्थानों क े  राधतगत व धवध्ष्‍‍ट संरक्ा मुद्ों पर एसीएनआरएस एईआरबी को   संबंधित  संरक्ा  सधमधतयों  द्ारा  धवस्ततृत
          पराम्जा प्रदान करती िै। एसीएस नाधभकीय सुरक्ा पििुओं तथा एसीओएच वयवसाधयक   बिुचरणी समीक्ा की राती िै।
          स्वास्‍थय संरक्ा मुद्ों पर सिाि देती िैं।

          सभी संरक्ा मुद्ों पर संबंधित क्ेत् क े  दे् भर में उपिब्ि धव्ेषज्ञों द्ारा बिुचरणी समीक्ा
          सुधनधचित करने क े  धिये प्र्ासधनक एवं धनयामक कायजाधवधियां बनायी गयी िै। ये धव्ेषज्ञ
          प्रखयात ्ैक्धणक संस्थानों, अनुसंिान व धवकास संस्थानों, उद्ोगों व सरकारी एरेंधसयों
          से चुने राते िैं।








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