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(iv) निनकत्सीय सायकलोटाि
िानभकीय औषि व पीईटी स्कै ि में प्रयुक्त कम अिाजायु के रेनडयोआइसोटोप सामान्यतया नचनकत्सीय सायक्िोट्राि
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में उत्पन्ि नकये राते हैं। भारत में ऐसे सायक्िोट्राि का प्रयोग मुखयत: F नचनन्हत रेनडयोऔषिों के उत्पादि के निए
होता है। इिमें नवनकरण रोनखम उच्च से मध्यम स्तर का होता है।
(v) औद्ोनगक रेनडयोग्राफी (आईआर)
औद्ोनगक रेनडयोग्राफी उद्ासि युनति (आईआरईडी) द्ारा रेनडयोग्राफी एक महत्वपूणजा अनविाशी परीक्ण
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नवनि है रो वेलड रोडों व कानस्टंग के परीक्ण में प्रयुक्त होती है। इस क्ेत्र में Ir, Co, Se तथा नवनभन्ि
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ऊराजा की एक्स–रे का प्रयोग होता है। सनक्रयता स्तर सैंकडों GBq से क ु छ
TBq तक होता है। एक्स-रे ऊराजा सैकडों keV से क ु छ MeV तक होती
है। इिमें रोनख़म उच्च से मध्यम स्तर का होता है।
(vi) नयूनकलयानिक गेज़ (एिरी)
न्यूनक्ियोनिक गेज नरसे आयिकारी नवनकरण मापि युनति (आईआररीडी) भी कहा राता है का प्रयोग पदाथयों
की मोटाई, स्तर, घित्व, िेपि मोटाई, पदाथजा संघटि आनद गुणवत्ता नियंत्रण
प्राचिों के आििाइि मापि/मािीटरि के निए होता है। इिमें गामा स्ोतों (रैसे
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60 Co, Cs, Am आनद), बीटा स्ोतों (रैसे Kr, Sr, Pm, Tl) तथा
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न्यूट्राि स्ोतों ( Am-Be तथा Cf) का प्रयोग होता है। सनक्रयता परास MBq
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से GBq तक होती है। इिमें रोनख़म मध्यम से निम्ि स्तर का होता है।
(vii) क ू प लानगंग (डब्ल्यूएल)
कच्चे तेि व कोयिे के अन्वेषण तथा भू-भौनतक िानगंग आनद क ू प िानगंग में रेनडयोआइसोटापों का
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प्रयोग होता है। घित्व मापि के निए मुखयत: Cs तथा हाइड्ोकाबजाि के अन्वेषण के निये Am-Be व
न्यूट्राि रनित्रों (ड्यूटीररयम-ट्रीनशयम रनित्र) का प्रयोग होता है। इिमें रोनख़म मध्यम से निम्ि स्तर का होता है।
MBq सनक्रयता के क ु छ अंशांकि स्ोतों रैसे Co, Ra, Th आनद का प्रयोग भी क ू प िानगंग में
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होता है।
वार्षिक प्ररिवेदन 2019 41