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(vii) िरोरा परमाणु ऊराजा सटेशि में घातक दुघजाटिा की (ग) संरोिक नफलटररत संवाति का प्राविाि, तथा
समीक्ा
(घ) स्थिीय आपातकाि सहायता कें द्र की स्थापिा
11 रुिाई, 2018 को िरोरा स्टेशि में एक दुघजाटिा हुई नरसमें ठेके इि प्राविािों को िागू करिे के निए अिुसंिाि व नवकास के प्रयास,
के एक वयनति की मृत्यु हो गयी। वह वयनति 1.2 मीटर ऊ ं ची बांि दीवार नवशिेषण, नवस्तृत इंरीनियरी एवं परीक्ण/अहजाता आनद की आवशयकता
से नगरा और बाद में उसकी मृत्यु हो गयी। समीक्ा में इस गनतनवनि में है। नवनभन्ि ररएक्टर नडजाइिों (पीएचडब्लयूआर,बीडब्लयूआर तथा
संरक्ा प्रबंिि में कमी पायी गयी। अत: एईआरबी िे सभी डीएई इकाइयों पीडब्लयूआर) के निए भीषण दुघजाटिा प्रबंिि के नदशानिददेशों का
को अपिे यहां की सामान्य एवं नवनशष्ट गनतनवनियों की सूची बिािे का नवकास एईआरबी िे तकिीकी आिार की समीक्ा तथा उन्हें स्वीकार
निददेश नदया। सभी गनतनवनियों के निए कायजा रोनख़म नवशिेषण नकया करके नकया। इन्हें सभी संयंत्रों द्ारा अब अपिा निया गया है। अन्य
रािा चानहए । संरक्ा आवशयकताओं के पािि तथा संरक्ा निगरािी को दीघजाकानिक उन्ियि काययों से संबंनित अिुसंिाि व नवकास, इंरीनियरी,
सुनिनचित करिे के निए कदम उठाये रािे चानहए।
परीक्ण तथा अहजाता कायजा पूरे कर निये गये हैं तथा उन्हें संयंत्र में िागू
(viii) द्ुत अनभरिक परीक्ण ररएकटर (एफबीटीआर) में करिे का कायजा रारी है। इि संरक्ा उन्ियि काययों/उपायों की वतजामाि
नकरणि अनभयाि की अिुमनत नस्थनत इस प्रकार है -
29 नसतंबर, 2018 से 30 रिवरी, 2019 के दौराि एफबीटीआर (क) हाइड्ोरि प्रबंधि प्रावधािों को सुदृढ़ बिािा
में 27 वां नकरणि अनभयाि नकया गया। उसके बाद संयंत्र िे 28 वे भारत के दानबत भारी पािी ररएक्टरों में हाइड्ोरि प्रबंिि योरिा में
नकरणि अनभयाि की अिुमनत मांगी। 28 वें अनभयाि के मुखय उद्ेशय पयाजाप्त संखया में निशचेष्ट उत्प्रेरक पुिससंयोरि युनतियां िगािा, संरोिि
थे – सोनडयम बंनित िानत्वकी ई ं िि नपिों के नकरणि को रारी रखिा, वातावरण का समांगीकरण तथा निनष्क्रय वाष्प वातावरण का प्राविाि
टंगस्टि काबाजाइड कै प्सूि (नग्रड प्िेट संभानवत पदाथजा), संरचिात्मक करिा शानमि है। भारत के पीएचडब्लयूआर संरोिकों के निए दुघजाटिा
पदाथयों के दीघजाकानिक नकरणि को रारी रखिा तथा एक्टीिाइड िमूिों पशचात हाइड्ोरि प्रबंिि आवशयकताओं के निए निष्चेष्ट उत्प्रेरक
का नकरणि। आवेदि की समीक्ा के आिार पर एईआरबी िे 28 वें पुिससंयोरि युनतियों के स्वदेशी नवकास, परीक्ण एवं अहजाता का कायजा पूरा
अनभयाि की अिुमनत दे दी। यह अनभयाि 2 अप्रैि 2019 से 30 कर निया गया है। अब इि युनतियों व दुघजाटिा पशचात हाइड्ोरि प्रबंिि
नसतंबर, 2019 के दौराि संपन्ि हुआ। हाि ही में समीक्ा के बाद 29वें तंत्र के यंत्रीकरण व उपकरणों को प्रचानित संयंत्रों में स्थानपत नकया राता
अनभयाि की अिुमनत भी दे दी गयी है।
रा रहा है। मद्रास-2, कै गा-1 व 2, िरोरा-1, काकरापार-1 व रारस्थाि-5
1.3.4 फ ु क ु शीमा दघजाटिा की दृनटि से प्रिानलत िानभकीय में ये युनतियां िगा दी गयी हैं। क ु डिक ु िम-1 व 2 (पीडब्लयूआर) इकाईयों
ु
ऊराजा संयंत्रों का संरक्ा आकलि में हाइड्ोरि प्रबंिि के निए निष्चेष्ट स्वत: उत्प्रेरक पुिसजायोरक नडजाइि
में ही प्रदाि नकये गये हैं। तारापुर-1 व 2 में संरोिक निनष्क्रयण तंत्र को
फ ु क ु शीमा दुघजाटिा के पशचात नकये गये संरक्ा आकिि में पाया स्वदेश में ही पुिसजानज्रत नकया गया है और यह तंत्र कायजारत है।
गया नक भारतीय संयंत्रों में बाहरी ख़तरों का सामिा करिे की अंतनिजानहत
सामथयजा है। परंतु नडजाइि आिार से परे की नवरि बाहरी घटिाओं के (ख) संरोधक नफल्टररत संवाति तंत्र (सीएफवीएस) का
निए प्रनतरक्ा को मरबूत बिािे तथा भीषण दुघजाटिा न्यूिीकरण क्मता को प्रावधाि
बढािे के निए क ु छ संरक्ा उन्ियि काययों की पहचाि की गयी थी। इन्हें इस तंत्र का तकिीकी नवकास कायजा पूरा हो गया है तथा नवशिेषण व
अलपकािीि, मध्यमकािीि तथा दीघजाकािीि उपायों / संरक्ा उन्ियि परीक्ण के बाद इसकी नवस्तृत इंरीनियरी को अंनतम रूप दे नदया गया है।
काययों में बांटा गया था। इिमें से अलपकानिक व मध्यमकानिक उपायों तारापुर-1 व 2 (बीडब्लयूआर) संयंत्रों में सीएफवीएस तंत्र िगाया गया
का कायजा पूरा हो गया है। है। दानबत भारी पािी ररएक्टर आिाररत संयंत्रों में आवशयकतािुसार
संस्तुत दीघजाकानिक उन्ियि इस प्रकार हैं – स्थापिा कायजा रारी है। क ु डिक ु िम-1 व 2 (पीडब्लयूआर) संयंत्रों में इस
तंत्र की आवशयकता िहीं है।
(क) भीषण दुघजाटिा प्रबंिि कायजाक्रम को सुदृढ बिािा
(ग) सथलीय आपातकाल सहायता कें द् का निमाजाण
(ख) हाइड्ोरि प्रबंिि प्राविािों को बढािा
प्रत्येक स्थि पर इकाईयों की संखया तथा दुघजाटिा पररदृष्य के
14 वार्षिक प्ररिवेदन 2019