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के   अं‍तगजा‍त  रेनडयोसनक्रय  अपनशष्‍ट  निपटाि/अं‍तरण  के   प्रानिकार  का
        िवीिीकरण नकया। फैक्ट्रीर अनिनियम, 1948 के  अं‍तगजा‍त क ु डिक ु िम-1 व
        2 के  प्रचािि िायसेंस का िवीिीकरण भी नकया गया।


            प्रचानि‍त संयंत्रों से क ु ि 45 महत्वपूणजा घटिाओं की ररपोटजा प्राप्‍त हुई।
        एईआरबी िे इि घटिा ररपोटयों की समीक्ा, रांच की पयाजाप्‍त‍ता, सुिारक
        कायजावाही, सीखे गये सबक ‍तथा नकसी नियामक कायजावाही की दृनटि से की
        गयी। इि घटिाओं को आईएिईएस पैमािे पर आंका गया।


         सभी िानभकीय ऊजा्वसंयंत्ररों से रेनडयोसनरियता नवमोचि, एईआरबीद्ारा
         निनद्वष्‍ट सीमाओं के अंदर थिा। संयंत्र सथिलरों के निक‍ट रहिे वाली जिता को
         नमली प्रभावी डोज़ 1 mSV वान््वक सीमा से काफी कम थिी।


            काकरापार-1 व 2 के  समस्‍त शी‍तिक चैिि बदििे के  निए नकये गये   तारापुर-1 व 2 में संरोधक नफल्‍टर संवाति तंत्र

        शमि के  दौराि कई संरक्ा उन्ियि भी िागू नकये गये। काकरापार-1 को 24  पुिससंयोरि युनतियां स्थानप‍त की गयी है ‍तथा ‍तारापुर व किपक्कम स्थिों
        मई, 2019 को नग्रड से रोड नदया गया।                    पर स्थिीय आपा‍तीकाि सहाय‍ता कें द्रों का निमाजाण कायजा रारी है। संरोिक
                                                              निनष्‍क्रयण ‍तंत्र को देश में ही पुिसजानज्र‍त नकया गया ‍तथा उसे ‍तारापुर-1 व
            एईआरबी िे द्रु‍त अनभरिक परीक्ण ररएक्टर में सोनडयम बंनि‍त
        िानत्वक ई ं िि नपिों, टंगस्टि काबाजाइड कै प्सूि व संरचिात्मक पदाथयों   2 में िगाया गया है।
        व एक्टीिाइड िमूिों के  दीघजाकानिक नकरणि के  निए 28 वां नकरणि   िानभकीय  ईधि  िक्र  तथा  अनय  संबंनधत  औद्ोनगक
                                                                           ं
        अनभयाि शुरू करिे की अिुमन‍त दी। बाद में 29 वें ऐसे अनभयाि की   सुनवधाओं की संरक्ा निगरािी
        अिुमन‍त भी दी गयी।
                                                                   एईआरबी िे अपिे अनिकार क्ेत्र में आिे वािी िानभकीय चक्र
            िानभकीय  ऊराजा  संयंत्रों  में  फ ु क ु शीमा  पशचा‍त  नििाजारर‍त  नकये  गये   सुनविाओं  के   संरक्ा  पहिुओं  की  समीक्ा  रारी  रखी।  एईआरबी  िे

        दीघजाकानिक उन्ियि िागू नकये रा रहे हैं। इसके  अं‍तगजा‍त मद्रास-2, कै गा-  मोहुिडीह खाि, आईआरईएि, मािावािाक ु चवी, चावडा व ओस्काम
        1 व 2, िरोरा-1, काकरापार-1 व रारस्थाि-5 संयंत्रों में निष्‍चेष्‍ट उत्प्रेरक   की ‍तटीय रे‍त खनिर सुनविाओं ‍तथा चावडा के  के रि खनिर व िा‍तु
                                                              नि. सुनविाओं के  प्रचािि िायसेंस का िवीिीकरण नकया। संयंत्र की
                                                              हजीरा व थाि भारी पािी संयंत्रों के  प्रचािि िायसेंस का भी िवीिीकरण

                                                              नकया गया ‍तथा आईरीसीएआर की घटक परीक्ण सोनडयम सुनविा के
                                                              प्रचािि की अिुमन‍त दी।


                                                                 एईआरबी,  फैक‍टीज़  अनधनियम,  1948  तथिा  परमाणु  ऊजा्व
                                                                 (फैक‍टीज़) नियम, 1996 को कें द्ीय सरकार के  सवानमत्व वाली
                                                                 फैनक‍टयरों में लागू करिे के  नलए उत्तरदायी है तथिा परमाणु ऊजा्व
                                                                 अनधनियम, 1962 के  उद्ेश्यरों को पूरा करिे का काय्व करता है।




                                                                  पडयाकयाि के  जककोनियम कांप्िेक्स के  िायसेंस में उत्पादि क्म‍ता
                                                              250 से 300 मीनट्रक टि प्रन‍तवषजा करिे के  निए संशोिि नकया गया।
                                                              ‍तू‍तीकोररि के  प्रचािि िायसेंस में बहुमुखी नविायक संशिेषण पायिट
                                                              संयंत्र के  अन‍तररक्‍त मुखय संयंत्र को शानमि करिे के  निए संशोिि नकया
                   निश्चेष्‍ट उत्प्रेरक पुिससंयोजि युनतियां (पीसीआरडी)



                                                                                              वार्षिक प्ररिवेदन 2019 xix
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