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परमाणु ऊराजा नियामक पररषद
परमाणु ऊराजा नियामक पररषद (एईआरबी) का गठि, परमाणु ऊराजा अनिनियम, 1962 (क्रमांक 33) के खंड 27 द्ारा प्रदत्त शनतियों के प्रयोग
से 15 िवंबर, 1983 को भारत के राष्ट्रपनत द्ारा, अनिनियम के अंतगजात नियामक एवं संरक्ा कायजा संपन्ि करिे के निए नकया गया था। पररषद का
नियामक प्रानिकार, परमाणु ऊराजा अनिनियम 1962 तथा पयाजावरण संरक्ण अनिनियम 1986 के अंतगजात रारी नकये गये नियमों व अनिसूचिाओं
से प्राप्त होता है। पररषद का मुखयािय मुंबई में है।
पररषद के बोडजा में 6 सदस्य हैं नरिमें अध्यक् सनहत दो पूणजाकानिक सदस्य हैं। दूसरे पूणजाकानिक सदस्य पररषद के सनचवािय के कायजाकारी
निदेशक है रो बोडजा का पदेि सदस्य है। अन्य चार सदस्य, बोडजा के अनिदेश के अिुरूप नवनभन्ि नवषयों के नवखयात नवशेषज्ञ हैं। वतजामाि में एक पद
खािी है। सनचव, रो बोडजा का सदस्य िहीं है, बोडजा की सहायता करता है। पररषद अपिा कायजा बोडजा के मागजादशजाि से उच्च अहजाता प्राप्त कमजाचाररयों
एवं नवशेषज्ञ सनमनतयों के माध्यम से करती है। शीषजा स्तर की सनमनतयों में प्रचानित संयंत्र संरक्ा समीक्ा सनमनत (एसएआरसीओपी), नवनकरण
अिुप्रयोग संरक्ा समीक्ा सनमनत (एसएआरसीएआर) शानमि हैं। इसके अनतररक्त निम्ि सिाहकार सनमनतयां हैं – पररयोरिा संरक्ा समीक्ा
सिाहकार सनमनत (एसीपीएसआर), िानभकीय एवं नवनकरण संरक्ा सिाहकार सनमनत (एसीएिआरएस), सुरक्ा सिाहकार सनमनत (एसीएस)।
एसीपीएसआर सनमनत, पररषद के अंतगजात आिे वािी डीएई पररयोरिाओं के निये संबंनित पररयोरिा नडजाइि संरक्ा सनमनतयों (पीडीएससी) की
संस्तुनत के आिार पर पररयोरिा अनिकाररयों द्ारा प्रस्तुत प्रिेखों की समीक्ा के बाद नवनभन्ि चरणों की अिुमनत रारी करिे की सिाह देती है।
एसएआरसीओपी सनमनत संरक्ा निगरािी का कायजा करती है तथा पररषद के अंतगजात आिे वािे प्रचानित डीएई संयंत्रों में संरक्ा प्रनतबंिों
के प्रवतजाि की संस्तुनत करती है। एसएआरसीएआर सनमनत नवनकरण एवं रेनडयोसनक्रय स्ोतों का प्रयोग करिे वािे नचनकत्सा, औद्ोनगक एवं
अिुसंिाि संस्थािों में नवनकरण संरक्ा िागू करिे के उपायों की संस्तुनत करती है। एसीएिआरएस सनमनत, िानभकीय एवं नवनकरण संस्थािों में संरक्ा
संबंिी रानतगत एवं नवनशष्ट मुद्ों के निये संरक्ा संनहताओं/संदनशजाकाओं के नवकास पर बोडजा को परामशजा देती है, संरक्ा पर सिाहकार सनमनत
(एसीएस) एईआरबी को परमाणु सुरक्ा पहिुओं पर सिाह देती है और वयावसानयक स्वास्थय सिाहकार सनमनत (एसीओएच) इस क्ेत्र के संरक्ा
पहिुओं पर परामशजा प्रदाि करती है।
सभी संरक्ा पहिुओं की बहुचरणी समीक्ा, संबंनित नवषयों के देशभर में उपिब्ि नवशेषज्ञों द्ारा नकये रािे के निये प्रशासनिक एवं
नियामक कायजानवनि बिायी गयी है। ये नवशेषज्ञ प्रखयात शैक्नणक संस्थािों, अिुसंिाि एवं नवकास संस्थािों, उद्ोगों व अन्य सरकारी प्रनतष्ठािों से
चुिे राते हैं।
एईआरबी की एकीकृत प्रबंिि प्रणािी (आईएमएस) एईआरबी के काययों को पूरा करिे के निए आवशयक सभी प्रनक्रयाओं को एकीकृत
करती है तानक एईआरबी अपिे नमशि को प्राप्त करिे में सक्म हो सके । पररषद में, तनमििाडु के किपक्कम में संरक्ा अिुसंिाि संस्थाि है रो
संरक्ा संबंिी नवषयों पर अिुसंिाि करता है तथा सेनमिारों, कायजाशािों व चचाजा बैठको का आयोरि करता है। कोिकाता, चेन्िई व नदलिी में
स्थानपत क्ेत्रीय नियामक कें द्र क्रमश: पूववी, दनक्णी एवं उत्तरी क्ेत्रों में नवनकरण सुनविाओं की नियनमत निगरािी करते हैं। संरक्ा अिुसंिाि संस्थािों
के अनतररक्त पररषद में आठ तकिीकी प्रभाग हैं। पररषद की कायजाकारी सनमनत में कायजाकारी निदेशक, वगयों के निदेशक तथा निदेशाियों/प्रभागों के
अध्यक् हैं। यह सनमनत अपिी नियनमत बैठकों में पररषद के कायजा से संबंनित महत्वपूणजा मुद्ों पर निणजाय िेती है।
पररषद (एईआरबी), परमाणु ऊराजा अनिनियम, 1962 के अंतगजात रारी निम्ि नियमों को िागू करती है -
• परमाणु ऊराजा (नवनकरण संरक्ण) नियम, 2004
• परमाणु ऊराजा (फैक्ट्रीज) नियम, 1996
नियामक भवि, अणुशनतििगर
• परमाणु ऊराजा (रेनडयोसनक्रय अपनशष्ट का सुरनक्त निपटाि) नियम, 1987
मुंबई-400 094
• परमाणु ऊराजा (खािों, खनिरों का कायजा तथा नििाजाररत पदाथयों का हस्ति) नियम, 1984
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