एईआरबी न्यूज़लेटर
खंड 36 |अंक 3
जुलाई-सितंबर, 2025



अध्यक्ष की कलम से

प्रिय पाठकगण,
सभी को नमस्कार!
मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि मैं इस मंच के माध्यम से आप सभी को संबोधित कर रहा हूँ, क्योंकि वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही समाप्त हो रही है। इस अवधि में हमने नियामक निगरानी को मजबूत करने, संरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देने और जनता के विश्वास को बढ़ाने के अपने निरंतर प्रयासों में लगातार प्रगति की है, जिस पर हम सभी गर्व कर सकते हैं।
देश के महत्वाकांक्षी नाभिकीय ऊर्जा कार्यक्रम के अनुरूप, एईआरबी ने नाभिकीय क्षेत्र में नए प्रवेशकों को नाभिकीय संयंत्रों के सुरक्षित निर्माण और संचालन हेतु तैयार करने की पहल की। भारतीय नाभिकीय सोसाइटी (आईएनएस) और भारत ऊर्जा मंच (आईईएफ) के संयुक्त सहयोग से 27 सितंबर, 2025 को 'संरक्षा संस्कृति का विकास, उसे बनाए रखना और उसे मजबूत करना' विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सौ से अधिक प्रतिभागियों ने व्यक्तिगत रूप से और ऑनलाइन भाग लिया।
इसके अलावा, लघु रिएक्टर/लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर) के क्षेत्र में हो रहे विकास को देखते हुए, एईआरबी ने अपने मौजूदा नियामकीय आवश्यकताओं की समीक्षा की है। यद्यपि मौजूदा नियामकीय ढांचा आम तौर पर एसएमआर जैसे उन्नत रिएक्टरों के लिए संरक्षा नियमन आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है, लेकिन प्रौद्योगिकी-विशिष्ट पहलुओं को छोड़कर, जिनकी समीक्षा तब आवश्यक हो सकती है जब प्रस्तावित स्थलों और विशिष्ट लघु रिएक्टर/एसएमआर के डिजाइन का विवरण एईआरबी को प्रस्तुत किया जाता है। नाभिकीय ऊर्जा कार्यक्रम के अनुमानित विस्तार को ध्यान में रखते हुए, एईआरबी प्रौद्योगिकी-तटस्थ खुराक-निर्भर मानदंड लाने के उद्देश्य से, नाभिकीय ऊर्जा संयंत्रों के आसपास के बहिष्करण क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों की वर्तमान में निर्दिष्ट दूरियों की जांच करने के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है। इसके अतिरिक्त, एईआरबी लघु रिएक्टर/एसएमआर के विनियमन में हो रहे विकास से अवगत रहने और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें उपयुक्त रूप से अपनाने के लिए विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों में भी भाग लेता है।
संरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, क्योंकि हम लाइसेंस प्राप्त सुविधाओं और गतिविधियों पर नियामकीय निगरानी बनाए रखते हैं और देश भर में विभिन्न नाभिकीय और विकिरण सुविधाओं का नियामकीय निरीक्षण करते हैं। चार नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र स्थलों रावतभट्टा, कलपक्कम, काकरापार और कुडनकुलम में हमारे स्थानीय पर्यवेक्षकों ने निरंतर नियामक निगरानी करते हैं।
इस तिमाही में, एईआरबी ने चिकित्सा निदान एक्स-रे सुविधाओं से निकलने वाले विकिरण के संभावित स्वास्थ्य जोखिम को लेकर जनता की चिंताओं को दूर करने के लिए एक सलाह जारी की। इन सुविधाओं के आस-पास रहने वाले निवासियों/कार्यरत लोगों द्वारा एक्स-रे सुविधाओं से विकिरण रिसाव के कारण स्वास्थ्य जोखिम के बारे में लगातार चिंताएं जताई जा रही हैं। चिकित्सा एक्स-रे सुविधाएं आम जनता के लिए नगण्य विकिरण जोखिम पैदा करती हैं। एईआरबी को विभिन्न क्षेत्रों (जैसे चिकित्सा, औद्योगिक, अनुसंधान) में आयनीकरण विकिरणों के अनुप्रयोगों से समाज की विकिरण संरक्षा सुनिश्चित करने का दायित्व सौंपा गया है। एईआरबी विकिरण संरक्षा के दृष्टिकोण से चिकित्सा निदान एक्स-रे सुविधाओं के संचालन के लिए लाइसेंस जारी करता है, जो एक परिरक्षित कक्ष में स्थापित डिजाइन (प्रकार) अनुमोदित एक्स-रे उपकरणों के उपयोग पर आधारित है।
एईआरबी ने संरक्षा मूल्यांकन, आपातकालीन तैयारी और नई रिएक्टर प्रौद्योगिकियों पर ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए आईएईए और नियामक समकक्षों के साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों और तकनीकी बैठकों में भाग लिया। इन गतिविधियों ने नाभिकीय और विकिरण संरक्षा में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के प्रति एईआरबी की प्रतिबद्धता को मजबूत किया। इस तिमाही में, 6-8 अगस्त, 2025 के दौरान अमेरिका के मैरीलैंड के रॉकविले स्थित एनआरसी मुख्यालय में संयुक्त राज्य अमेरिका के नाभिकीय नियामक प्राधिकरण के साथ एक द्विपक्षीय तकनीकी बैठक आयोजित की गई थी।
माननीय संसदीय राजभाषा समिति की पहली उप-समिति ने माननीय संसद सदस्य (राज्यसभा) श्री दिनेश शर्मा के नेतृत्व में 9 जुलाई, 2025 को एईआरबी में राजभाषा के कार्यान्वयन के लिए हमारी गतिविधियों की समीक्षा की। उप-समिति के संयोजक श्री दिनेश शर्मा और सदस्यों को उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हमारी पहलों से अवगत कराया गया। समिति ने हमारे प्रयासों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और कुछ सुधारों का सुझाव दिया।
संरक्षा संवर्धन और जागरूकता के अंतर्गत, एईआरबी ने एनएफसी, हैदराबाद के सहयोग से 11-12 सितंबर, 2025 को एनएफसी, हैदराबाद में चिकित्सा एवं संबद्ध स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए "पऊवि इकाइयों में व्यावसायिक श्रमिकों की चिकित्सा जांच के लिए कार्यप्रणाली में मानकीकरण और एकरूपता" विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। यह संयुक्त प्रयास कार्यबल की संरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और साझा जिम्मेदारी का प्रमाण है।
जुलाई-सितंबर 2025 की तिमाही में, सतर्क नियमन, हितधारकों की भागीदारी और सक्रिय संरक्षा निगरानी के माध्यम से भारत में आयनीकरण विकिरण और नाभिकीय ऊर्जा के सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित करने के एईआरबी के मिशन में निरंतर प्रगति देखी गई। हमेशा की तरह, मैं नाभिकीय और विकिरण क्षेत्र के सभी हितधारकों से सतर्क रहने और संरक्षा को एक मूलभूत मूल्य के रूप में बनाए रखने का आग्रह करता हूं।
सादर,
दिनेश कुमार शुक्ला
अध्यक्ष, एईआरबी
1.0 एईआरबी की परिषद बैठक
एईआरबी की 153वीं परिषद बैठक 8 सितंबर, 2025 को मुंबई स्थित एईआरबी में आयोजित की गई। बैठक में पिछली तिमाही के दौरान एईआरबी द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों की मुख्य बातें और विनियमित प्रतिष्ठानों की संरक्षा स्थिति परिषद के समक्ष प्रस्तुत की गई।
2.0 एईआरबी ने माही-बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना (एमबीआरएपीपी - 1 से 4) के स्थल निर्धारण के लिए एनपीसीआईएल से अश्विनी को सहमति हस्तांतरित की
19 अगस्त, 2025 को न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) ने एमबीआरएपीपी-1-4 के लिए साइटिंग सहमति अश्विनी को हस्तांतरित करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। पऊवि ने परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 के तहत अश्विनी को नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र के निर्माण, स्वामित्व और संचालन की अनुमति दी है। सभी प्रासंगिक पहलुओं की व्यापक समीक्षा के बाद, एमबीआरएपीपी-1-4 के लिए साइटिंग सहमति 19 सितंबर, 2025 को अश्विनी को हस्तांतरित कर दी गई।
3.0 केकेएनपीपी-1 और 2 के संचालन के लिए लाइसेंस का नवीनीकरण
एईआरबी ने संतोषजनक समीक्षा के बाद, परमाणु ऊर्जा अधिनियम 1962 (और उसके तहत बनाए गए नियमों) के तहत केकेएनपीपी-1 और 2 के संचालन के लिए लाइसेंस और रेडियोधर्मी अपशिष्ट निपटान/स्थानांतरण के हेतु पांच साल यानी 31 जुलाई, 2030 तक के लिए प्राधिकरण नवीनीकृत किया गया।
4.0 नाभिकीय, औद्योगिक और विकिरण सुविधाओं का नियामक निरीक्षण
लाइसेंस प्राप्त सुविधाओं और गतिविधियों पर नियामक निगरानी के तहत, एईआरबी ने देश भर में विभिन्न नाभिकीय और पऊवि औद्योगिक सुविधाओं में 28 निरीक्षण किए। इन निरीक्षणों के दौरान इन सुविधाओं में संरक्षा संबंधी कोई महत्वपूर्ण विचलन नहीं पाया गया। रावतभाटा, कलपक्कम, काकरापारा और कुडनकुलम स्थित चार परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थलों पर तैनात एईआरबी के स्थायी पर्यवेक्षकों ने साइट गतिविधियों का अवलोकन जारी रखा और एईआरबी को जानकारी प्रदान की।इस तिमाही के दौरान, एईआरबी ने देश भर में विभिन्न विकिरण प्रक्रियाओं के 128 अघोषित नियामक निरीक्षण किए।
.इन निरीक्षणों के दौरान संरक्षा संबंधी मध्यम महत्व के तीन विचलन पाए गए। इसके अलावा, इस तिमाही में चिकित्सा अभ्यास के लिए विकिरण उत्पन्न करने वाले उपकरणों के टाइप अनुमोदन परीक्षण, मेडिकल साइक्लोट्रॉन के पूर्व-लाइसेंसिंग निरीक्षण और गामा विकिरण प्रसंस्करण सुविधाओं से संबंधित 23 विशेष निरीक्षण किए गए।
5.0 चिकित्सा निदान एक्स-रे सुविधाओं के संबंध में विकिरण संरक्षा संबंधी चिंताओं पर सलाह
एईआरबी ने चिकित्सा निदान एक्स-रे सुविधाओं से निकलने वाले विकिरण से स्वास्थ्य जोखिम के बारे में जनता की चिंताओं को दूर करने के लिए एक सलाह जारी की है। चिकित्सा निदान एक्स-रे सुविधाएं समाज में स्वास्थ्य सेवा का एक आवश्यक और अभिन्न अंग हैं, जिनमें एक्स-रे, रेडियोग्राफी, सीटी स्कैन, दंत एक्स-रे और मैमोग्राफी आदि शामिल हैं। आस-पड़ोस में इन सुविधाओं की आसान उपलब्धता एक परिपक्व स्वास्थ्य सेवा अवसंरचना का सूचक है। इन सुविधाओं के आस-पास रहने वाले/काम करने वाले लोग एक्स-रे सुविधाओं से निकलने वाले विकिरण के कारण स्वास्थ्य जोखिम के बारे में अक्सर चिंता व्यक्त करते हैं। प.ऊ.नि.प. यह सूचित करना चाहता है कि चिकित्सा एक्स-रे सुविधाओं से आम जनता को विकिरण का जोखिम नगण्य है। प.ऊ.नि.प. विकिरण संरक्षा के दृष्टिकोण से चिकित्सा निदान एक्स-रे सुविधाओं के संचालन के लिए लाइसेंस जारी करता है, जो कि एक परिरक्षित कक्ष में स्थापित डिजाइन (प्रकार) अनुमोदित एक्स-रे उपकरणों के उपयोग पर आधारित है। अपनी अंतर्निहित संरक्षा के कारण, प.ऊ.नि.प. ऐसी सुविधाओं का नियमित निरीक्षण नहीं करता है। हालांकि, एक्स-रे सुविधा के स्वामी को इसे स्थापित करने से पहले संबंधित अधिकारियों/एजेंसियों/आवासीय सोसायटी द्वारा आवश्यक अन्य अनुमोदन/अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है। सभी लाइसेंस प्राप्त एक्स-रे सुविधाओं की सूची एईआरबी की वेबसाइट पर इस लिंक पर उपलब्ध है: (लाइसेंस प्राप्त एक्स-रे सुविधाओं की सूची)
6.0 एनपीपीएस और आरआरएस में परिचालन कर्मियों का लाइसेंस
परमाणु ऊर्जा संयंत्रों (एनपीपी) के संचालन के लिए जिम्मेदार कर्मियों, जैसे कि शिफ्ट चार्ज इंजीनियर (एससीई), असिस्टेंट शिफ्ट चार्ज इंजीनियर (एएसईसीई) और कंट्रोल इंजीनियर (सीई) को एक सख्त लाइसेंसिंग/रीलाइसेंसिंग प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसमें चेकलिस्ट को पूरा करना, लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करना, संयंत्र का निरीक्षण करना और योग्यता साक्षात्कार में सफल होना शामिल है। लाइसेंसिंग प्रक्रिया की पूर्व-आवश्यकताओं को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद, उम्मीदवार एईआरबी द्वारा गठित लाइसेंसिंग समिति के समक्ष योग्यता साक्षात्कार के लिए उपस्थित होता है। इस तिमाही के दौरान, विभिन्न संचालित एनपीपी में नियंत्रण कक्ष संचालन के लिए जिम्मेदार कर्मियों के लाइसेंसिंग/रीलाइसेंसिंग के लिए आठ बैठकें आयोजित की गईं। इन बैठकों में एईआरबी के अधिकारी उपस्थित थे। एफबीटीआर के लिए दो जूनियर शिफ्ट इंजीनियर (लेवल-III) सहित उनतालीस उम्मीदवारों को लाइसेंस/रीलाइसेंस दिया गया।
7.0 एईसी के अध्यक्ष का एईआरबी दौरा
एईसी के अध्यक्ष ने 31 जुलाई, 2025 को मुंबई स्थित एईआरबी मुख्यालय का दौरा किया और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक वार्ता बैठक की। इस बैठक में एईआरबी की सहभागी और समावेशी निर्णय लेने की पहल, यानी आंतरिक विचार-विमर्श ('मंथन') पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी गई। एईसी के अध्यक्ष को संशोधित एकीकृत प्रबंधन प्रणाली (आईएमएस) और एईआरबी में इसके कार्यान्वयन के बारे में भी जानकारी दी गई।
8.0 एईआरबी और यूएस-एनआरसी द्विपक्षीय तकनीकी बैठक
अमेरिका के नाभिकीय नियामक प्राधिकरण, नाभिकीय नियामक आयोग (एनआरसी) के साथ 6-8 अगस्त, 2025 के दौरान मैरीलैंड, अमेरिका के रॉकविले स्थित मुख्यालय में आयोजित द्विपक्षीय तकनीकी बैठक (बीटीएम) में एईआरबी ने भाग लिया। इस बैठक में एईआरबी के चार सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रतिनिधित्व किया। बैठक में नए और उन्नत रिएक्टरों के नियमन, उन्नत रिएक्टरों के लिए संहिता और मानक, नाभिकीय ऊर्जा संयंत्रों (एनपीपी) के दीर्घकालिक संचालन, संभाव्यता संरक्षा मूल्यांकन और उन्नत तथा छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के लिए आपातकालीन तैयारी जैसे विषयों पर व्यापक तकनीकी चर्चा हुई।
9.0 स्वतंत्रता दिवस समारोह
एईआरबी ने 15 अगस्त 2025 को 79वां स्वतंत्रता दिवस नियामक भवन परिसर में मनाया। इस अवसर पर एईआरबी के अध्यक्ष ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और सभा को संबोधित किया।
10.0 एईआरबी के अध्यक्ष ने एसीटीआरईसी, टीएमसी, नवी मुंबई का दौरा किया
नवी मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल सेंटर की इकाई, एडवांस्ड सेंटर फॉर ट्रीटमेंट, रिसर्च एंड एजुकेशन इन कैंसर (एसीटीआरईसी) ने 8 जुलाई, 2025 को आयोजित अपने 'प्रतिष्ठित वक्ताओं के लिए अकादमिक सम्मेलन' में डॉ. डी.के. शुक्ला, अध्यक्ष, एईआरबी को आमंत्रित किया। एईआरबी के अध्यक्ष ने इस अवसर पर उपस्थित होकर 'विकिरण अनुप्रयोगों के संरक्षा नियमन' विषय पर श्रोताओं को संबोधित किया। संबोधन के बाद एसीटीआरईसी के मेडिकल फिजिसिस्टों की टीम के साथ एक संवादात्मक चर्चा हुई।
11.0 नाभिकीय ऊर्जा संयंत्रों में संरक्षा संस्कृति के विकास, उसे बनाए रखने और उसे सुदृढ़ करने पर संगोष्ठी
27 सितंबर, 2025 को, नाभिकीय क्षेत्र में नई संस्थाओं के लिए संरक्षा संस्कृति के महत्व पर, भारतीय नाभिकीय सोसायटी (आईएनएस) और भारतीय ऊर्जा मंच (आईईएफ) के संयुक्त सहयोग से, एईआरबी ने एक संगोष्ठी का आयोजन किया। एईआरबी के अध्यक्ष ने 'संरक्षा संस्कृति का विकास, उसे बनाए रखना और उसे सुदृढ़ करना' विषय पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने नाभिकीय ऊर्जा संयंत्रों में एक सशक्त संरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला। अपने व्याख्यान में, उन्होंने सशक्त नेतृत्व और मानवीय एवं संगठनात्मक कारकों पर सर्वोच्च ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया, जो संरक्षा संस्कृति के आधार स्तंभ हैं।
डॉ. अनिल काकोडकर, कुलाधिपति, एचबीएनआई और सदस्य, परमाणु ऊर्जा आयोग ने समापन भाषण में उद्योग जगत के पेशेवरों तक पहुँचने के एईआरबी के प्रयास की सराहना की और कहा कि कार्यस्थल पर संरक्षा का पालन करने के लिए व्यक्तिगत विश्वासों और मूल्यों को विकसित करके संरक्षा संस्कृति को बढ़ावा दिया जा सकता है। इस कार्यक्रम में सौ से अधिक प्रतिभागियों ने व्यक्तिगत रूप से भाग लिया और कई उद्योग जगत के पेशेवर ऑनलाइन जुड़े।
12.0 चिकित्सा एवं संबद्ध स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए कार्यशाला
संरक्षा संवर्धन और जागरूकता के अंतर्गत, एईआरबी ने एनएफसी, हैदराबाद के सहयोग से 11-12 सितंबर, 2025 को एनएफसी, हैदराबाद में चिकित्सा एवं संबद्ध स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का विषय था "पऊवि इकाइयों में व्यावसायिक श्रमिकों की चिकित्सा जांच के लिए कार्यप्रणाली का मानकीकरण और एकरूपता"। कार्यशाला में लगभग सौ प्रतिभागियों ने भाग लिया।
13.0 एईआरबी में स्वच्छता ही सेवा अभियान
‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान का आयोजन 9 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक एईआरबी में किया गया। एईआरबी कर्मचारियों के बीच जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। एईआरबी कर्मचारियों ने स्वच्छता के महत्व पर जोर देते हुए नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किए। इसके अतिरिक्त, स्वच्छता और सामुदायिक भागीदारी के संदेश को और अधिक बढ़ावा देने के लिए एक वॉकथॉन का आयोजन किया गया।
14.0 हिंदी कार्यक्रम और गतिविधियाँ
हिंदी कार्यशाला
पऊवि की छह इकाइयों की संयुक्त राजभाषा समन्वय समिति के तत्वावधान में आयोजित संयुक्त हिंदी कार्यशाला में एईआरबी के अधिकारियों ने भाग लिया। इस कार्यशाला का आयोजन विकिरण और समस्थानिक प्रौद्योगिकी परिषद (बीआरआईटी), मुंबई द्वारा 2-4 सितंबर, 2025 के दौरान किया गया था।
राजभाषा कार्यान्वयन समिति (राभाकास) की बैठक
एईआरबी में राजभाषा हिंदी को विभिन्न माध्यमों से लागू और प्रचारित किया जाता है। हिंदी के उपयोग को बढ़ाने, इसके प्रचार-प्रसार के लिए रणनीतियाँ बनाने और इसके उपयोग में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए राजभाषा कार्यान्वयन समिति (राभाकास) की बैठक प्रत्येक तिमाही में आयोजित की जाती है। इस बैठक में हिंदी के प्रगतिशील उपयोग की समीक्षा की जाती है, नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाता है और अनुपालन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के उपाय खोजे जाते हैं। एईआरबी में इस तिमाही के दौरान चल रही हिंदी गतिविधियों की समीक्षा के लिए राभाकास की बैठक 8 अगस्त, 2025 को आयोजित की गई थी।
हिंदी प्रशिक्षण
सभी कर्मचारियों को हिंदी का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से, एईआरबी हिंदी शिक्षण योजना के माध्यम से प्रतिवर्ष निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हिंदी प्रशिक्षण प्रदान करता है।
18 सितंबर, 2025 को कार्यालय स्तर पर एक हिंदी कार्यशाला का आयोजन भी किया गया था, जिसमें अठारह कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया था।
हिंदी पखवाड़ा
एईआरबी में हिंदी पखवाड़ा का आयोजन 1से 14 सितंबर, 2025 तक किया गया। इस पहल के तहत एईआरबी में विभिन्न गतिविधियाँ और कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें प्रश्नमंच, चित्र वर्णन, टिप्पण-आलेखन, हिंदी काब्य लेखन, हिंदी कहानी लेखन जैसी हिंदी प्रतियोगिताएँ शामिल थीं। हिंदी पखवाड़े का समापन समारोह 25 सितंबर, 2025 को आयोजित किया गया और प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए।
माननीय संसदीय राजभाषा समिति द्वारा निरीक्षण
माननीय संसदीय राजभाषा समिति की पहली उप-समिति ने माननीय संसद सदस्य (राज्यसभा) श्री दिनेश शर्मा के नेतृत्व में 9 जुलाई, 2025 को मुंबई स्थित एईआरबी में राजभाषा के कार्यान्वयन हेतु किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। एईआरबी के अध्यक्ष और अन्य एईआरबी अधिकारी बैठक में उपस्थित थे। उप-समिति के संयोजक श्री दिनेश शर्मा ने सत्र के दौरान संसदीय समिति के कार्य और उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। समिति ने एईआरबी में चल रहे कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और हिंदी में राजभाषा के कार्य को बढ़ावा देने के लिए कुछ और सुधार के क्षेत्रों का सुझाव दिया।
15.0 मानव संसाधन प्रबंधन
परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के विस्तार और विकिरण सुविधाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए, एईआरबी के कर्मचारियों की संख्या में विभिन्न स्तरों पर और विभिन्न माध्यमों से वृद्धि की जा रही है। निम्नलिखित अधिकारियों ने नियुक्ति/स्थानांतरण/सेवानिवृत्ति/इस्तीफा के आधार पर एईआरबी में कार्यभार संभाला/छोड़ा:
| S. No. | नाम | पदनाम | ज्वाइन करने/स्थानांतरण/सेवानिवृत्ति/इस्तीफा देने की तिथि | टिप्पणी |
|---|---|---|---|---|
| 1 | श्री शुभम कुमार | वैज्ञानिक अधिकारी-सी | 01-08-2025 | भा.प.अ.के. (68वें बैच) में ओ.सी.ई.एस. – 2024 प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने पर वै.अ./सी के रूप में नियुक्त किया गया। |
| 2 | कुम. ईशा/td> | वैज्ञानिक अधिकारी-सी | 01-08-2025 | भा.प.अ.के. (68वें बैच) में ओ.सी.ई.एस. – 2024 प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने पर वै.अ./सी के रूप में नियुक्त किया गया। |
| 3 | श्री सकुन सैनी | कार्य सहायक-ए | 06-08-2025 | सीधी भर्ती |
| 4 | श्री मेस्त्री मिलिंद सहदेव | वैज्ञानिक अधिकारी-जी (G) | 04-08-2025 | भा.प.अ.के. स्थानांतरित |
| 5 | श्री लक्षित चौधरी | वैज्ञानिक अधिकारी-डी | 29-08-2025 | तकनीकी त्यागपत्र |
| 6 | श्री अनीस वी. मोहम्मद | वैज्ञानिक अधिकारी-ई | 29-08-2025 | त्यागपत्र |
| 7 | श्रीमती उर्वशी रऊफ शेख | सहायक लेखा अधिकारी | 29-09-2025 | एनआरबी, तारापुर से समान पद पर स्थानांतरण |
| 8 | डॉ. पंकज कुमार दाश शर्मा | वैज्ञानिक अधिकारी-एच | 30-09-2025 | सेवानिवृत्त |
| 8 | श्री एस. ए. मेश्राम | मुख्य प्रशासनिक अधिकारी | 30-09-2025 | सेवानिवृत्त |
एईआरबी उन सभी कर्मचारियों को हार्दिक बधाई देता है जिन्होंने अतिरिक्त योग्यताएं प्राप्त कीं और इस तिमाही के दौरान संबंधित संस्थानों द्वारा उन्हें डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएच.डी.) की उपाधि से सम्मानित किया गया।
| S. No. | नाम | पदनाम | संस्थान का नाम/ University | शोध प्रबंध का शीर्षक |
|---|---|---|---|---|
| 1 | डॉ. एन. वी. आदिनारायण करिबंदी | वै.अ./एफ | एचबीएनआई, मुंबई | नाभिकीय रिएक्टर संरक्षा के अनुप्रयोग के साथ युग्मित प्राकृतिक परिसंचरण लूपों के प्रदर्शन पर संख्यात्मक जांच |
श्री ए.पी. गर्ग
निदेशक (आर.ए. एवं ई.आर.),
संसाधन, प्रशासन एवं बाह्य संबंध निदेशालय
परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद
नियमक भवन, अनुशक्तिनगर, मुंबई-400094, महाराष्ट्र
प्रतिपुष्टि
हम पाठकों और हितधारकों की प्रतिक्रियाओं का स्वागत करते हैं। यदि आपके कोई प्रश्न, सुझाव या टिप्पणी हैं, तो कृपया उन्हें एईआरबी फीडबैक पोर्टल (www.aerb.gov.in/english/feedback) पर भेजें। एईआरबी वृत्तपत्र में प्रकाशित सामग्री को उचित श्रेय के साथ स्वतंत्र रूप से पुनर्मुद्रित या अनुवादित किया जा सकता है। एईआरबी ई-न्यूज़लेटर : (https://www.aerb.gov.in/english/publications /newsletter) .लिंक पर उपलब्ध है।
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